Wednesday, November 6, 2013

सुमन अभी पोषित मनमोहन

कौन यहाँ पर ज्ञानी कम है
प्रायः सबको यही भरम है
सुमन ज्ञान से मौन उपजता
सही ज्ञान का यही नियम है

द्वापर में शोभित मनमोहन
सुमन अभी पोषित मनमोहन
मोह सका ना किसी के मन को
अपने मन, मोहित मनमोहन

कोई जीता वेश के कारण
कोई मरे सुकेश के कारण
लोग सुमन कम ही मिलते जो
जीते, मरते देश के कारण

जीवन का आधार समझ ले
दुनिया का व्यापार समझ ले
प्रेम डगर में सुमन कहाँ है
प्यार करो पर प्यार समझ ले

1 comment:

श्यामल सुमन said...

आ० रजीव कुमार झा जी - आपकी सार्थक प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक धन्यवाद

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!