tag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post1349459783849458467..comments2024-02-25T22:22:15.999-08:00Comments on मनोरमा: सिफर का सफ़रश्यामल सुमनhttp://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-64101142932493764202010-06-01T02:30:52.672-07:002010-06-01T02:30:52.672-07:00नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है
इशारे समझने का अपन...नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है<br />इशारे समझने का अपना हुनर है<br /> Bahut khoob Suman jee, vishesh tor pe ye do laaineinYogesh Sharmahttps://www.blogger.com/profile/13296401748828517861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-59518752590703924442010-05-30T06:49:06.943-07:002010-05-30T06:49:06.943-07:00जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।
ये जीवन तो लगता ...जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।<br />ये जीवन तो लगता सिफर का सफ़र है।।<br />वाह बहुत खूब ....अंजना https://www.blogger.com/profile/07031630222775453169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-22400095420592505372010-05-30T06:15:05.922-07:002010-05-30T06:15:05.922-07:00वाह सुंदर रचना.वाह सुंदर रचना.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-22870344653818285472010-05-30T00:56:55.309-07:002010-05-30T00:56:55.309-07:00' जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।
ये जीवन तो...' जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।<br />ये जीवन तो लगता सिफर का सफ़र है।।'<br /><br />- यह तो कुछ कुछ जीवन की निस्सारता की बात हुई.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-45833366863247503042010-05-29T07:55:21.582-07:002010-05-29T07:55:21.582-07:00कई रंग फूलों के संग थे चमन में
ये कैसे बना हादसों ...कई रंग फूलों के संग थे चमन में<br />ये कैसे बना हादसों का शहर है<br /><br />सुंदर गज़ल ..अर्चना तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04130609634674211033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-84699709313960385142010-05-28T23:23:56.645-07:002010-05-28T23:23:56.645-07:00नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है
इशारे समझने का अपन...नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है<br />इशारे समझने का अपना हुनर है<br /><br />sundar rachna........sundar bhav.<br /><br />aajkal aape blog par aana chod diya hai.......koi narazgi hai kya.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-58072637967061603582010-05-28T22:22:12.993-07:002010-05-28T22:22:12.993-07:00श्यामल जी
चिरंजीव भवः
मुहब्बत की राहों में गिरते,...श्यामल जी <br />चिरंजीव भवः<br />मुहब्बत की राहों में गिरते,सम्भलते<br />ये जाना कि प्रेमी पे कैसा कहर है<br />सारी गजल पढ़ी, बार बार पढ़ी <br /><br />एक एक शब्द लोहार के हथोड़े से तरह कूट कूट लिखें हैं <br />आपको नहीं आपकी गजल,गीत को चरण स्पर्श ही लिखूंगीगुड्डोदादीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-29467334405564950202010-05-28T20:21:23.348-07:002010-05-28T20:21:23.348-07:00matla इतना खूबसूरत बन पड़ा है की कोई भी कमेन्ट करन...matla इतना खूबसूरत बन पड़ा है की कोई भी कमेन्ट करने लायक आपने नहीं छोड़ा........<br />नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है<br />इशारे समझने का अपना हुनर है<br />क्या बात है.......जिंदाबाद.....!<br /><br />सितारों के आगे अलग भी है दुनिया<br />नज़र तो उठाओ उसी की कसर है<br />इस शेर के सामने सजदा करने का जी चाह रहा है.......!<br /><br />जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।<br />ये जीवन तो लगता सिफर का सफ़र है।।<br />क्या जीवन दर्शन बताया है......भाई वाह.....! मुकर्रर !<br /><br />विवाद में नहीं जाना चाहूँगा मगर ग़ज़ल में हिंदी शब्दों को बहुत खूबसूरती से पिरोया है....."शहर" शब्द का प्रयोग खटकता है.....मगर इसके बावजूद शेर का कहाँ और बुनावट खूबसूरत है.....!<br /><br />रहम की वो बातें सुनाते हमेशा<br />दिखे आचरण में ज़हर ही ज़हर है<br /><br />कई रंग फूलों के संग थे चमन में<br />ये कैसे बना हादसों का शहर है<br /><br />है शब्दों की माला पिरोने की कोशिश<br />सुमन ये क्या जाने कि कैसा असर है <br /><br />बहुत खूब.......!Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-63321941201255820782010-05-28T18:37:16.862-07:002010-05-28T18:37:16.862-07:00सुन्दर !सुन्दर !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-68202802795672711842010-05-28T11:36:59.788-07:002010-05-28T11:36:59.788-07:00सत्य वचन जी, सत्य वचन.
बल्कि, मैं तो कहूंगा कटु-सत...सत्य वचन जी, सत्य वचन.<br />बल्कि, मैं तो कहूंगा कटु-सत्य वचन.<br />बहुत बढ़िया, धन्यवाद.<br />WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COMचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-11899598382294207292010-05-28T11:26:03.151-07:002010-05-28T11:26:03.151-07:00नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है
इशारे समझने का अपन...नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है<br />इशारे समझने का अपना हुनर है<br />ये एेसी लाइनें हैं कि ध्यान अकृष्ठ कर रही हैं। इन्हीं लाइनों ने पूरी कविता पढऩे पर विवश कर दिया। क्या खूब। <br /><br />http://udbhavna.blogspot.com/पंकज मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/05619749578471029423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-90040050565654477002010-05-28T09:20:37.104-07:002010-05-28T09:20:37.104-07:00नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है
इशारे समझने का अपन...नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है<br />इशारे समझने का अपना हुनर है<br /><br />पहली पंक्ति पर ही कुर्बान हो गए..दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-46704612683246219512010-05-28T09:04:14.462-07:002010-05-28T09:04:14.462-07:00रहम की वो बातें सुनाते हमेशा
दिखे आचरण में ज़हर ही ...रहम की वो बातें सुनाते हमेशा<br />दिखे आचरण में ज़हर ही ज़हर है<br /><br />सही है भाई । आजकल ऐसा ही हो रहा है ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-32019995604885904212010-05-28T08:04:21.163-07:002010-05-28T08:04:21.163-07:00मुहब्बत की राहों में गिरते, सम्भलते
ये जाना कि प्र...मुहब्बत की राहों में गिरते, सम्भलते<br />ये जाना कि प्रेमी पे कैसा कहर है<br />जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।<br />ये जीवन तो लगता सिफर का सफ़र है।।<br /> वाह वाह क्या बात है! लाजवाब पंक्तियाँ! बेहद ख़ूबसूरत ग़ज़ल! बधाई!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-54198102049254358862010-05-28T04:02:43.354-07:002010-05-28T04:02:43.354-07:00डा.रमा द्विवेदी....
बहुत उम्दा ग़ज़ल है....बधाई...डा.रमा द्विवेदी....<br /><br /> बहुत उम्दा ग़ज़ल है....बधाई व शुभकामनाएंramadwivedihttp://ramadwivedi.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-87065431866683860782010-05-28T04:02:43.192-07:002010-05-28T04:02:43.192-07:00डा.रमा द्विवेदी....
बहुत उम्दा ग़ज़ल है....बधाई...डा.रमा द्विवेदी....<br /><br /> बहुत उम्दा ग़ज़ल है....बधाई व शुभकामनाएंramadwivedihttp://ramadwivedi.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-60568240829277706872010-05-28T02:36:18.790-07:002010-05-28T02:36:18.790-07:00नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है
इशारे समझने का अपन...नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है<br />इशारे समझने का अपना हुनर है<br /> वाह वाह जी बहुत सुंदर गलज कही आप ने.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-66623863552559117682010-05-28T02:22:41.051-07:002010-05-28T02:22:41.051-07:00अच्छी गजल लिखने पर हमने दबा दिया बजर है।अच्छी गजल लिखने पर हमने दबा दिया बजर है।राजकुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/07846559374575071494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-80693131877856335992010-05-28T01:32:52.836-07:002010-05-28T01:32:52.836-07:00नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है
इशारे समझने का अपन...नज़र बे-जुबाँ और जुबाँ बे-नज़र है<br />इशारे समझने का अपना हुनर है<br /><br />जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।<br />ये जीवन तो लगता सिफर का सफ़र है।<br /><br />लाजवाब ..निर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-62969929128322814422010-05-28T00:03:06.548-07:002010-05-28T00:03:06.548-07:00जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।
ये जीवन तो लगता ...जो मंज़िल पे पहुँचे दिखी और मंज़िल।<br />ये जीवन तो लगता सिफर का सफ़र है।।<br /><br />रहम की वो बातें सुनाते हमेशा<br />दिखे आचरण में ज़हर ही ज़हर है<br /><br />लाजवाब ग़ज़ल ,,,बेहतरीनRahttps://www.blogger.com/profile/08726389437723424230noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-80594556101709329932010-05-27T23:56:26.286-07:002010-05-27T23:56:26.286-07:00एक बेहद उम्दा और विचारणीय ग़ज़ल !एक बेहद उम्दा और विचारणीय ग़ज़ल !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-44204180535888432482010-05-27T22:44:02.974-07:002010-05-27T22:44:02.974-07:00Bahad asarkarak ! Zindagi ke saare utaar chadhav y...Bahad asarkarak ! Zindagi ke saare utaar chadhav yahan sama gaye..kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-72650946684063806712010-05-27T22:42:47.680-07:002010-05-27T22:42:47.680-07:00बेहतरीन ग़ज़ल..बेहतरीन ग़ज़ल..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-82964530279962557992010-05-27T22:25:34.992-07:002010-05-27T22:25:34.992-07:00श्यामल जी
रहम की वो बातें सुनाते हमेशा
दिखे आचरण...श्यामल जी <br />रहम की वो बातें सुनाते हमेशा <br />दिखे आचरण में जहर ही जहर है <br />कई रंग फूलों के संग थे चमन में<br />ये कैसे बना हादसों का शहर है <br />बहुत अद्भुत<br />यही गीत की पंक्ति मुख से निकले के.सी डे जी गाई हुई<br />दुनियां रंग रंगीली बाबागुड्डोदादीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-53521274535811448262010-05-27T21:38:26.274-07:002010-05-27T21:38:26.274-07:00रहम की वो बातें सुनाते हमेशा
दिखे आचरण में ज़हर ही ...रहम की वो बातें सुनाते हमेशा<br />दिखे आचरण में ज़हर ही ज़हर है<br /><br />कई रंग फूलों के संग थे चमन में<br />ये कैसे बना हादसों का शहर है<br />बहुत सुन्दर !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com