tag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post1531480380062854597..comments2024-02-25T22:22:15.999-08:00Comments on मनोरमा: चेतनाश्यामल सुमनhttp://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-7560408871775435272009-11-07T18:53:14.386-08:002009-11-07T18:53:14.386-08:00भला नफरत की चिन्गारी कहाँ से आ टपकती है,
जहाँ पर र...भला नफरत की चिन्गारी कहाँ से आ टपकती है,<br />जहाँ पर राम बसते हैं वहीं रहमान बसते हैं।<br />बेहतरीन भाव. आखिर इन नफरत फैलाने वालो के चपेट मे हम कब तक आते रहेंगेM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-4167360084037315932009-11-07T16:07:07.324-08:002009-11-07T16:07:07.324-08:00बहुत सुंदर कविता सबको जोड कर रखने वाली ।बहुत सुंदर कविता सबको जोड कर रखने वाली ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-83124976775197117022009-11-07T12:29:09.895-08:002009-11-07T12:29:09.895-08:00"भला नफरत की चिन्गारी कहाँ से आ टपकती है,
जहा..."भला नफरत की चिन्गारी कहाँ से आ टपकती है,<br />जहाँ पर राम बसते हैं वहीं रहमान बसते हैं।"<br /><br /><br />मस्त रची है !अर्कजेशhttp://www.arkjesh.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-76977075328297874602009-11-07T07:18:41.174-08:002009-11-07T07:18:41.174-08:00आपके प्रोत्साहन से मेरे लेखनी को नयी उर्जा मिलती ह...आपके प्रोत्साहन से मेरे लेखनी को नयी उर्जा मिलती है। विनम्र आभार प्रेषित है।<br /><br />सादर<br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-62053671218726867262009-11-07T04:57:17.070-08:002009-11-07T04:57:17.070-08:00अलग रंगों की ये दुनिया बहुत न्यारी सी लगती है।
बसी...अलग रंगों की ये दुनिया बहुत न्यारी सी लगती है।<br />बसी जो आँख में सूरत बहुत प्यारी सी लगती है।<br />अलग होते सुमन लेकिन सभी का एक उपवन है,<br />कई मजहबो की दुनिया अलग क्यारी सी लगती है।। <br />नमस्कार!श्यामल जी,<br /> बहुत सुन्दर मुक्तक है ।सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-77208242170464449942009-11-07T00:06:55.677-08:002009-11-07T00:06:55.677-08:00सुन्दर कविता,सुन्दर भाव....वाह...!सुन्दर कविता,सुन्दर भाव....वाह...!Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-81912178664356875982009-11-06T21:40:53.515-08:002009-11-06T21:40:53.515-08:00डा.रमा द्विवेदी....
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति सु...डा.रमा द्विवेदी....<br /><br /> बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति सुमन जी...बधाई...<br /> सुमन जी आपकी प्रतिक्रिया स्पैम में चली जा रही है...सिर्फ़ आपकी प्रतिक्रिया के साथ ऐसा क्यों हो रहा है मुझे पता नहीं चल रहा है...सादर..रमद्विवेदीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-85789525358048918032009-11-06T07:37:56.222-08:002009-11-06T07:37:56.222-08:00behatareen rachna. badhaai.behatareen rachna. badhaai.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-70279251815799378482009-11-06T07:25:34.457-08:002009-11-06T07:25:34.457-08:00"भला नफरत की चिन्गारी कहाँ से आ टपकती है,
जहा..."भला नफरत की चिन्गारी कहाँ से आ टपकती है,<br />जहाँ पर राम बसते हैं वहीं रहमान बसते हैं।"<br /><br />कितनी सहजता है इसमें । जैसे मन का पवित्र भाव ही अभिव्यक्त हो चला है । आभार ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-39300916509425020112009-11-06T03:27:14.604-08:002009-11-06T03:27:14.604-08:00सभी कहते भला जिसको बहुत सहते हैं बेचारा।
दया का भा...सभी कहते भला जिसको बहुत सहते हैं बेचारा।<br />दया का भाव गर दिल में उसे कहते हैं बेचारा।<br />है शोहरत आज उसकी जो नियम को तोड़ के चलते,<br />नियम पे चलने वाले क्यों बने रहते हैं बेचारा।।<br /><br /><br />waah shyamal suman ji.......bahut bahut achchi rachna<br />bahut achcha geetश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-71014278125721552332009-11-06T00:04:45.307-08:002009-11-06T00:04:45.307-08:00सभी कहते भला जिसको बहुत सहते हैं बेचारा।
दया का भा...सभी कहते भला जिसको बहुत सहते हैं बेचारा।<br />दया का भाव गर दिल में उसे कहते हैं बेचारा।<br />है शोहरत आज उसकी जो नियम को तोड़ के चलते,<br />नियम पे चलने वाले क्यों बने रहते हैं बेचारा।।<br />.........नसीब अपना-अपनारश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-41509395861542859532009-11-05T22:26:45.476-08:002009-11-05T22:26:45.476-08:00कहीं बस्ती गरीबों की कहीं धनवान बसते हैं।
सभी मजहब...कहीं बस्ती गरीबों की कहीं धनवान बसते हैं।<br />सभी मजहब के मिलकर के यहाँ इन्सान बसते हैं।<br />भला नफरत की चिन्गारी कहाँ से आ टपकती है,<br />जहाँ पर राम बसते हैं वहीं रहमान बसते हैं।<br /><br />खुबसुरत भाव..IMAGE PHOTOGRAPHYhttps://www.blogger.com/profile/07648170539684419518noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-37228495136092040582009-11-05T21:58:14.246-08:002009-11-05T21:58:14.246-08:00adbhut lekhan.............badhayiadbhut lekhan.............badhayivandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-49413626539477802792009-11-05T21:51:01.176-08:002009-11-05T21:51:01.176-08:00सुमन जी इस अद्भुत रचना के लिए आपको ढेरों बधाईयाँ.....सुमन जी इस अद्भुत रचना के लिए आपको ढेरों बधाईयाँ...बहुत ही उच्च कोटि की रचना है...वाह...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-86336391298479095102009-11-05T20:15:18.255-08:002009-11-05T20:15:18.255-08:00अलग होते सुमन लेकिन सभी का एक उपवन है,
कई मजहब की ...अलग होते सुमन लेकिन सभी का एक उपवन है,<br />कई मजहब की ये दुनिया अलग क्यारी सी लगती है...<br />सुन्दर भाव ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-87922184933797327522009-11-05T20:12:54.191-08:002009-11-05T20:12:54.191-08:00सुन्दर कविता ..........श्यामल जी ....धन्यवादसुन्दर कविता ..........श्यामल जी ....धन्यवादMishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.com