tag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post7470872742786006946..comments2024-02-25T22:22:15.999-08:00Comments on मनोरमा: वक्त नहीं मेरे पासश्यामल सुमनhttp://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-88673726100808515602010-10-18T06:42:41.074-07:002010-10-18T06:42:41.074-07:00हाँ जी सर ,
बहुत सही लिखा है आप ने बहुत ही कम शब्...हाँ जी सर ,<br /><br />बहुत सही लिखा है आप ने बहुत ही कम शब्दों में बहुत कुछ लिखा है आप ने में आप कि बात से सहमत हूँ और खास कर मुझे पसंद आया वो चिट्ठी के सन्देश वाली बात क्यूंकि सच में जब फ़ोन नया-नया आया था तभी जब दिवाली होली पर रिश्तेदारों कि चिठ्ठी आया करती तो बहुत बेसब्री से इंतज़ार हुआ करता था उन खतों का GEETTINGS का मगर अब तो सब बस फ़ोन पर sms भेज कर हे होजाता है ....keep writting and keep reading....all the best <br /><br />reagrd<br /><br />Pallavi...Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-83500198877209331892010-10-18T06:42:12.977-07:002010-10-18T06:42:12.977-07:00हाँ जी सर ,
बहुत सही लिखा है आप ने बहुत ही कम शब्...हाँ जी सर ,<br /><br />बहुत सही लिखा है आप ने बहुत ही कम शब्दों में बहुत कुछ लिखा है आप ने में आप कि बात से सहमत हूँ और खास कर मुझे पसंद आया वो चिट्ठी के सन्देश वाली बात क्यूंकि सच में जब फ़ोन नया-नया आया था तभी जब दिवाली होली पर रिश्तेदारों कि चिठ्ठी आया करती तो बहुत बेसब्री से इंतज़ार हुआ करता था उन खतों का GEETTINGS का मगर अब तो सब बस फ़ोन पर sms भेज कर हे होजाता है ....keep writting and keep reading....all the best <br /><br />reagrd<br /><br />Pallavi...Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-22567840197261160612009-12-17T10:16:34.127-08:002009-12-17T10:16:34.127-08:00बिल्कुल सटीक बात कही है......बहुत सुन्दर रचना है.....बिल्कुल सटीक बात कही है......बहुत सुन्दर रचना है..बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-26727561042618808912009-12-15T03:30:21.205-08:002009-12-15T03:30:21.205-08:00दिल को छू लेने वाला भाव। बधाई।
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...दिल को छू लेने वाला भाव। बधाई।<br />------------------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">छोटी सी गल्ती, जो बड़े-बड़े ब्लॉगर करते हैं।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">धरती का हर बाशिंदा महफ़ूज़ रहे, खुशहाल रहे।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-35553918091428039212009-12-15T01:50:27.239-08:002009-12-15T01:50:27.239-08:00भाई वाह
जिस चाहत में काम करें हम हो करके मजबूर।
...भाई वाह <br /><br />जिस चाहत में काम करें हम हो करके मजबूर।<br />ये भी सच की इस चक्कर में बहुत खुशी से दूर।<br />सुमन फँसा हो काँटों में जब क्या खुशियों की आस।<br /><br />बहुत खूब बहुत सुन्दर <br />दिल को छू जाने वाली रचनाPawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-84535167099920269512009-12-14T10:49:26.689-08:002009-12-14T10:49:26.689-08:00इस कविता की अलग मुद्रा है, अलग तरह का संगीत, जिसम...इस कविता की अलग मुद्रा है, अलग तरह का संगीत, जिसमें कविता की लय तानपुरा की तरह लगातार बजती रहती है। अद्भुत मुग्ध करने वाली, विस्मयकारी।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-63975206422260125622009-12-14T10:07:11.855-08:002009-12-14T10:07:11.855-08:00उनसे बात नहीं होती थी जो बसते परदेश में।
क्या मिठा...उनसे बात नहीं होती थी जो बसते परदेश में।<br />क्या मिठास अपनापन भी था चिट्ठी के संदेश में?<br />अब तो बातें हर पल सम्भव, क्या वैसा एहसास?<br />भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।<br />बहुत सुन्दर.वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-57682758258739360422009-12-14T07:39:25.287-08:002009-12-14T07:39:25.287-08:00वक्त नहीं है फिर भी टिप्पणी दिया आपने खास।
मेरी ले...वक्त नहीं है फिर भी टिप्पणी दिया आपने खास।<br />मेरी लेखनी और चलेगी बढ़ा और विश्वास।<br />स्नेह और आभार सुमन का यही सुमन के पास।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-78824051646307354312009-12-14T06:41:59.848-08:002009-12-14T06:41:59.848-08:00कितना यथार्त वर्णन है आज के इन्सान का । पैसा और अध...कितना यथार्त वर्णन है आज के इन्सान का । पैसा और अधिक पैसा कमाने की अंधी दौड में बेतहाशा भाग रहे इन्सान के पास सब कुछ है एक वक्त को छोडकर ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-58713915945645384242009-12-14T06:13:12.392-08:002009-12-14T06:13:12.392-08:00सही कहा आपने , हम अपने ही गुलाम हो गएसही कहा आपने , हम अपने ही गुलाम हो गएडॉ महेश सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/18264755463280608959noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-49631247966740195272009-12-14T04:47:50.084-08:002009-12-14T04:47:50.084-08:00बिलकुल सही बात कही आज किसी के पास वक्त नहीं सब अपन...बिलकुल सही बात कही आज किसी के पास वक्त नहीं सब अपनी अपनी आपाधापी मे खोये हुये हैं । रचना बहुत अच्छी लगी। धन्यवाद्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-20420740264564445912009-12-14T04:38:43.481-08:002009-12-14T04:38:43.481-08:00सभी आधुनिक सुख पाने को हरदम करे प्रयास।
इस कारण से...सभी आधुनिक सुख पाने को हरदम करे प्रयास।<br />इस कारण से रिश्ते खोये आपस का विश्वास।<br />भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।<br /><br />सही कहा है।<br />उत्तम भाव।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-66369811438919483012009-12-14T01:02:46.166-08:002009-12-14T01:02:46.166-08:00जाने यह वक़्त कहाँ किस भंवर में डूब गया !जाने यह वक़्त कहाँ किस भंवर में डूब गया !रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-4714018368727969562009-12-14T00:29:35.849-08:002009-12-14T00:29:35.849-08:00wah ... achhi rachna..wah ... achhi rachna..योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-43291806677864146712009-12-14T00:19:29.634-08:002009-12-14T00:19:29.634-08:00जिस चाहत में काम करें हम हो करके मजबूर।
ये भी सच क...जिस चाहत में काम करें हम हो करके मजबूर।<br />ये भी सच की इस चक्कर में बहुत खुशी से दूर।<br />सुमन फँसा हो काँटों में जब क्या खुशियों की आस।<br />भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।। <br /><br />आज पर सटीक, सुमन जी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-80882282812803109462009-12-13T21:57:55.958-08:002009-12-13T21:57:55.958-08:00बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति के साथ बहुत सुंदर रचना.......बहुत बेहतरीन अभिव्यक्ति के साथ बहुत सुंदर रचना....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-78061076218858576422009-12-13T20:15:59.860-08:002009-12-13T20:15:59.860-08:00बिलकुल सच कहा आपने :
"भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि...बिलकुल सच कहा आपने :<br />"भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।"डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-9688124445735887442009-12-13T20:10:22.681-08:002009-12-13T20:10:22.681-08:00"उनसे बात नहीं होती थी जो बसते परदेश में।
क्य..."उनसे बात नहीं होती थी जो बसते परदेश में।<br />क्या मिठास अपनापन भी था चिट्ठी के संदेश में?<br />अब तो बातें हर पल सम्भव, क्या वैसा एहसास?"<br /><br />बिलकुल सच्ची बात ! यांत्रिकता ने अहसासों को छीन लिया है हमसे । आभार प्रविष्टि का ।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-52222017895326405112009-12-13T20:01:30.044-08:002009-12-13T20:01:30.044-08:00किसी को दो मीठे बोल बोलने की फुर्सत नहीं .. किसी क...किसी को दो मीठे बोल बोलने की फुर्सत नहीं .. किसी को दो मीठे बोल सुनने की फुर्सत नहीं .. क्या रह गया है हमारा जीवन ??संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-74103801695596358452009-12-13T19:53:32.611-08:002009-12-13T19:53:32.611-08:00"भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।..."भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।"<br /><br /><br />wah wahm "भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।"<br /><br />bilkul sateek sarthak samyik. badhaai.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-43565909956856874542009-12-13T19:53:17.809-08:002009-12-13T19:53:17.809-08:00बहुत सटीक बात!बहुत सटीक बात!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-82886683732571241582009-12-13T19:19:20.833-08:002009-12-13T19:19:20.833-08:00क्या मिठास अपनापन भी था चिट्ठी के संदेश में?
अब तो...क्या मिठास अपनापन भी था चिट्ठी के संदेश में?<br />अब तो बातें हर पल सम्भव, क्या वैसा एहसास?...<br />नहीं ना .....<br />सभी आधुनिक सुख पाने को हरदम करे प्रयास।<br />इस कारण से रिश्ते खोये आपस का विश्वास....<br />बहुत सही ....!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-232158537112974116.post-14471566029061158422009-12-13T18:51:25.690-08:002009-12-13T18:51:25.690-08:00बिलकुल सच कहा आपने :
"भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि...बिलकुल सच कहा आपने :<br />"भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।"<br />सब सुख सुविधा रहते हुए भी बस एक चीज़ की कमी होगई है वह है वक़्त . शुभकामनायें !!Kusum Thakurhttps://www.blogger.com/profile/02345756853367472461noreply@blogger.com