मर मर के जी रहे हैं कई लोग साथियों
जी भर के पी रहे हैं कई लोग साथियों
जीवन के सफर में कभी जो आसमां फटे
उसको भी सी रहे हैं कई लोग साथियों
लड़ते हैं कई लोग यहां प्यार की खातिर
जीते हैं लोग कितने तकरार की खातिर
खुशियां समेटकर के हालात को देखो
रोते हैं लोग कितने सरकार की खातिर
अंगुली की खूबसूरती, श्रृंगार अंगूठी
पहना दे एक दूजे को तो प्यार अंगूठी
कहते अगर है बचना शनि के प्रभाव से
घोड़े की नाल से बनी स्वीकार अंगूठी
कितनों को ज़िन्दगी में आकाश मिल गया
अज्ञानियों को ज्ञान का परकाश मिल गया
करते रहे हैं काम सुमन चार दशक से
उससे खुशी खुशी अब अवकाश मिल गया
जी भर के पी रहे हैं कई लोग साथियों
जीवन के सफर में कभी जो आसमां फटे
उसको भी सी रहे हैं कई लोग साथियों
लड़ते हैं कई लोग यहां प्यार की खातिर
जीते हैं लोग कितने तकरार की खातिर
खुशियां समेटकर के हालात को देखो
रोते हैं लोग कितने सरकार की खातिर
अंगुली की खूबसूरती, श्रृंगार अंगूठी
पहना दे एक दूजे को तो प्यार अंगूठी
कहते अगर है बचना शनि के प्रभाव से
घोड़े की नाल से बनी स्वीकार अंगूठी
कितनों को ज़िन्दगी में आकाश मिल गया
अज्ञानियों को ज्ञान का परकाश मिल गया
करते रहे हैं काम सुमन चार दशक से
उससे खुशी खुशी अब अवकाश मिल गया
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