Tuesday, February 25, 2025
करें आलोचना वो असल दोस्त हैं
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आपकी क्या हकीकत ये जाने सभी, अपना चेहरा छुपाने से क्या फायदा? भूल अपनी अगर दिल पसीजा नहीं, फिर ये गंगा नहाने से क्या फायदा? आप...
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Saturday, February 22, 2025
कहते जग को वैरागी हम
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ये मत कहना हैं बागी हम सभी धर्म के अनुरागी हम धार्मिक हैं या ढोंग रचाते अपने कर्मों के भागी हम किसी धर्म की करें बुराई तो ...
अन्ध-भक्ति है रोग
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छुआछूत से कब हुआ, देश अपन ये मुक्त? जाति - भेद पहले बहुत, अब VIP युक्त।। धर्म सदा कर्तव्य है, अन्ध - भक्ति है रोग। ज्ञान बाँटते...
गन्दा फिर तालाब
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क्या लेखन व्यापार है, भला रहे क्यों चीख? रोग छपासी इस कदर, गिरकर माँगे भीख।। झट से झुक जाते कहीं, करें नमन, आदाब। इक मछली ने...
रचना में विस्तार
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साहित्यिक बाजार में, अलग अलग हैं संत। जिनको आता कुछ नहीं, बनते अभी महंत।। साहित्यिक मैदान में, अब है ठेलमठेल। क्या सचमुच ...
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