आजादी ही बनी गुलामी आजादी के बाद।
नैतिकता का नाम मिट गया देश हुआ बर्बाद।
तेरा सपना, शीशे जैसा टूट टूटकर बिखर गया है।
सच्ची आजादी पाने को बच्चा बच्चा तरस गया है।
आ जाओ गर एक बार तो वापस फिर न जा पाओगे।
बापू फिर तुम कब आओगे?
नाम तुम्हारा ही नित लेकर तेरा काम बढ़ाते नेता।
नैतिकता का पाठ पढ़ाकर क्षुद्र स्वार्थ की नैया खेता।
थे सत्य अहिंसा तुमको प्यारे जिनकी लाशें तड़प रहीं हैं।
लूट लिया आदर्श तुम्हारा भारत माता बिलख रही है।
बहुत दिवस अब बीत चुके गर देर करोगे, पछताओगे।
बापू अब तुम कब आओगे?
घूसखोरी, कानून तोड़ना, करना, करवाना दंगा।
भाई भाई का दुश्मन बनकर चला रहा काला धंधा।
भारत जिसको छोड़ गए तुम बना आज घोटाला देश।
प्रतिदिन यहाँ विदेशी आकर करते हैं पूँजी निवेश।
अगर गुलामी फिर आ जाए तब तो दौड़े आओगे?
बापू बोलो कब आओगे?
क्या लिख भेजूँ क्या बतलाऊँ हालत है बिल्कुल बदतर।
सुनते हैं बूढ़े लोगों से फिरंगी थे इससे बेहतर।
रक्षक ही भक्षक बन बैठा क्या होगा अंजाम।
गली चौक में जगह जगह पर खड़ा है नाथूराम।
बगिया तेरी उजड़ रही है शांति सुमन कब लाओगे?
बापू फिर तुम कब आओगे?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ-
19 comments:
सच में पता नहीं बापू फिर से कब आयेगे.......देश की वर्तमान स्थिती पर बहुत ही तीक्ष्ण ब्यंग है यह. आभार.
सच में पता नहीं बापू फिर से कब आयेगे.......देश की वर्तमान स्थिती पर बहुत ही तीक्ष्ण ब्यंग है यह. आभार.
सुमनजी,
बापू को मौके से पुकारा है आपने. देश के हालात का सच्चा ब्योरा लिख भेजा आपने बापू को; लेकिन अपने आदर्शों के लिए जीवन का बलिदान देनेवाले बापू क्या फिर भारत भूमि पर लौटेंगे ? राम कहिये....
सुन्दर रचना... धारदार अभिव्यक्ति... बधाई.... वन्देमातरम !!
बापू को आने का आमंत्रण
सुन्दर अभिव्यक्ति और देश की दशा का वर्णन किया है.
बहुत सुन्दर रचना
bahut hi sunder samyik rachna. badhaai.
सुंदर रचना.
स्वतंत्रता दिवस की घणी रामराम.
एक बीज,
ऊपर आने के लिए,
कुछ नीचे गया ,
ज़मीन के .
कस के पकड़ ली मिटटी ,
ताकि मिट्टी छोड़ उड़ सके .
६३ बरसा हुए आज उसे ….
…मिट्टी से कट के कौन उड़ा ,
देर तक ?
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
bahut hi khubsoorat rachana .......dero badhaaee sweekaare
satya ko ujagar karti rachna......bahut khoob.
स्वतंत्रता दिवस हार्दिक शुभकामनाएं
kya kahun....man bahut hi kaatar ho gayaa....kuchh kahanaa hi naa sakaa....!!
बहुत ही सुन्दर.
भार।स्वतन्त्रता-दिवस की बहुत बहुत-बधाई।
वाह बहुत बढ़िया लिखा है आपने! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस शुभकामनाएं
kalam ne to apna kaam kar diya.... par parivartan kaise laya jaay ye vishay sochne ka hai....
Udgaron ko bade hi sundar aur bhavuk dhang se abhivyakt kiya hai...bahut h sundar rachna....aabhar.
न जाने क्यों बापू सदा याद आते हैं अपनी पूरी अर्थवत्ता के साथ । आभार ।
दो दिन शहर से बाहर था। आया तो देखा इतनी सारी टिप्पणियाँ - हृदय से आभारी हूँ सभी स्नेहीजनों का।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
Post a Comment