Thursday, September 7, 2017

उसने तब से मुझे सताया है

जिसको भी दिल यहाँ लगाया है
उसने तब से मुझे सताया है

गैर से गैर मिले अपनों सा
और अपना लगे पराया है

शाख से टूट के जुदा जो हुआ
उसने खोया अधिक न पाया है

घर बचाना तो मिलके जी प्यारे
यूँ तो सबने मकां बनाया है

उसकी दुश्वारियां सुमन सुनना
जिसने भी घर यहाँ बसाया है 

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