Monday, July 29, 2019

जलाओ दीपक मुहब्बतों के

हमें किताबों ने जो सिखाया, उसी पे चल के करम करेंगे
नहीं झुके हैं, नहीं झुकेंगे, भले वो जितना सितम करेंगे

मुहब्बतों के ही रास्ते पर, बढ़ी है दुनिया, बढ़ेगी आगे
जलाओ दीपक मुहब्बतों के, सदा हिफाजत भी हम करेंगे

है उनका वादा सभी घरों को, करेंगे रौशन, वो कर रहे हैं
मकां जलाकर जो रौशनी दे, इसी चलन को खतम करेंगे

हमहीं से ताकत मिली है उनको, जिसे सम्भालो भलाई खातिर
जहाँ पे बेबस सताए जाते, वहीं वो ताकत हजम करेंगे

चढ़ा जो ऊँचा सदा उतरता, जमीं पे आना भी है जरूरी
बचा मुहब्बत की इस जमीं को, सभी सुमन तब रहम करेंगे 

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