जहाँ    बुराई,   दूर   करेंगे
शासन  को  मजबूर  करेंगे
भेद - भाव   के  तेरे  सपने
मिलके   चकनाचूर   करेंगे
भूल कहीं भी अपनी हो तो
खुशी - खुशी   मंजूर  करेंगे
जहाँ जरूरी मिलके अपनी
हर   बाधा   काफूर   करेंगे
धरती  जो  वीरान  पड़ी  है
हरियाली    सिन्दूर    करेंगे
आपस   में   हो  भाईचारा
कोशिश  हम  भरपूर करेंगे
सुमन  पसरते अंधकार को
प्रेम - भाव   से   नूर  करेंगे
 
 
 




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