Thursday, February 13, 2020

अब तो नीचे आ जा साहिब

कहते खुद को ख्वाजा साहिब
भुगत रहे खमियाजा साहिब

लोकतंत्र में ताकत जन से
भरम तुझे, हम राजा साहिब

गोली, गली, भेद - भाव के
व्यर्थ बजाते बाजा साहिब

खूब उड़े जब प्यार मिला तो
अब तो नीचे आ जा साहिब

दूर हुए हैं लोग आपसे 
क्या इसका अंदाजा साहिब

चाल ढाल को ना बदले तो
बंद सभी दरवाजा साहिब

सुमन पुराने तेरे नारे
और गढ़ों कुछ ताजा साहिब

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