हमारे पास रहकर वो, हमारा क्यों नहीं होता?
सितम करता मगर हमसे, किनारा क्यों नहीं होता?
सभी बच्चे बनें काबिल, हरेक माँ-बाप की चाहत
उसी माँ-बाप का बच्चा, सहारा क्यों नहीं होता?
वो सूरज हाथ में लेकर, उजाला बाँटने निकला
मगर उसका ही घर रौशन, दुबारा क्यों नहीं होता?
जमीं को चीरकर सबके लिए, रोटी उगाए जो
वही जीते विवशता में, गुजारा क्यों नहीं होता?
वो देखो आसमां झुकता, जमीं से प्यार करने को
सुमन के भाग्य का ऐसा सितारा क्यों नहीं होता?
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