Wednesday, April 8, 2020

सहयोग वही करते

अपने वश में सबकुछ क्यों दम्भ ये पाले हैं
सब बन्द घरों में अब बाहर में ताले हैं

खांसी भी हुई हल्की, कोरोना के डर से
अपनों ने अपनों को झट घर से निकाले हैं

इस बन्दी के कारण आफत आयी उन पे
जो रोज कमाते हैं, क्या उनको निवाले हैं

ये बात है राहत की कुछ लोग बढ़े आगे
जो बेबस लोगों को मिलजुल के सम्भाले हैं

नहीं सुमन बचा कोई मानवता संकट में
सहयोग वही करते जो दिल से निराले हैं

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