Thursday, September 17, 2020

आमलोग में जोर अभी है

लोकतंत्र का भोर अभी है

जो खतरे में, शोर अभी है


जिनको हम चुन भेजे उनमें

अपराधी घनघोर अभी है


मंत्री से संतरी तक देखो

जगह जगह में चोर अभी है


बन्द सभी कुछ कोरोना में

मन बहलाओ, मोर अभी है


साधु संत घिरे हैं शक में

उनमें भी चितचोर अभी है


सजग लोग से आस सभी को

आमलोग में जोर अभी है


शासक की सीमा तय करने

सुमन हाथ में डोर अभी है

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