हर हालत में लोग जोड़ना, तब अच्छे दिन आएँगे
बन्द करो अब झूठ बोलना, तब अच्छे दिन आएँगे
लोग फँसे जो सीधे - साधे, लोक - लुभावन नारों में
सीख रहे अब आँख खोलना, तब अच्छे दिन आएँगे
जिन्हें बुरा कहते थे तुम भी, वो सारे अब साथ तेरे
अपने भीतर जरा झाँकना, तब अच्छे दिन आएँगे
लोकतंत्र में कुछ दिन खातिर, जनता देती सिंहासन
अब निश्चित है तेरा उतरना, तब अच्छे दिन आएँगे
लोक - जागरण हुआ देश में, सुमन रहेगा जारी भी
करने लायक वादे करना, तब अच्छे दिन आएँगे
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