Friday, December 25, 2020

हे अधिनायक!

हे अधिनायक! खुद के गायक।
भक्तों  के तुम, बुद्धि-विधायक।
हे अधिनायक! -----

अहंकार  में  चूर  तुम्हीं  हो, कृषक और मजदूर तुम्हीं हो।
वैज्ञानिक हो, कलाकार भी, दिखते शासक क्रूर तुम्हीं हो।
सभी गुणों के तुम परिचायक।।
हे अधिनायक! -----

अक्सर विश्व भ्रमण करते हो, केवल घृणा वमन करते हो
महाशक्ति के आगे  झुककर,  देखा तुझे  नमन करते  हो।
कब, किसके तुम रहे सहायक??
हे अधिनायक! -----

जो  विरोध  में  तुमसे  बोले, कारागृह  में  आंखें  खोले।
सुमन  जागरण  नित्य  करेगा, बरसाओ  ओले या गोले।
तुम्हें बुद्धि दे, बुद्धि-विनायक!!
हे अधिनायक! -----

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