Saturday, December 17, 2022

है पहचान मुझे छलिये की

सबसे  अपनी  सदा  मुहब्बत, यही  भावना  दिल में है 
लेकिन सच  कहने  की हिम्मत, यही भावना दिल में है 

साथ  खड़ा  मैं  आमजनों  के, शासक   कहे विरोधी है 
फिर भी उनसे  नहीं  शिकायत, यही भावना दिल में है 

है  परिवार  बचाना  पहले, फिर   समाज  या देश बचे
बचे  हुए  रिश्ते  ही  इबादत, यही  भावना  दिल  में है 

बड़ी - बड़ी  हस्ती  को अक्सर, बेखटके सच कह देता
लोग  कहे  क्यों  इसे  बगावत, यही भावना  दिल में है 

है पहचान मुझे छलिये की, फिर भी उनको प्यार दिया
राह  सुमन  बस एक  सदाकत, यही भावना दिल में है  

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