अभी जिन्दगी जारी अपनी
मगर मौत से यारी अपनी
जीना जबतक हँसकर जीना
कर ले यूँ तैयारी अपनी
दोनों कल में क्यों उलझें हम
आज रात भी सारी अपनी
मौत देखकर जीना सीखो
इक दिन होगी बारी अपनी
जीवन में संघर्ष सभी को
नहीं दिखा लाचारी अपनी
सामाजिक परिवेश नेक हों
इस पर हो मुख्तारी अपनी
होश रखो तो हर पल नूतन
सुमन जिन्दगी प्यारी अपनी
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