यूँ तो पल पल है नया, पल पल नये सवाल।
भगवन् नूतन - वर्ष में, सभी रहें खुशहाल।।
काल - खण्ड इक मापनी, गिनते लोग जरूर।
यादों में वो करम से, गये जो हमसे दूर।।
चुन चुन अच्छे शब्द से, बाँटे सब सन्देश।
बिना करम या भाव के, लगता पर-उपदेश।
जीवन में सबके लिए, शेष सदा संघर्ष।
संघर्षों से जूझकर, पाते कुछ उत्कर्ष।।
उजियारा दिन में अगर, आगे काली रात।
इक दिन दो दिन की नहीं, जीवन भर की बात।।
खुशियाँ पाने के लिए, करना पड़ता काम।
कर्म - हीन हर लोग से, रूठे रहते राम।।
नये साल में करम से, कर लेना अनुबंध।
सुमन, पसीना में सदा, तुमसे अधिक सुगंध।।
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