Monday, May 22, 2023

साधो! तुम कितने मायावी?

साधो! तुम कितने मायावी?
कह फकीर तुम खुद को खुद, चलते दाँव चुनावी।।
साधो! तुम कितने ----- 

ले  आते  बजरंग-बली  को, अब  चुनाव  में आगे।
पहले  सब  था राम भरोसे, उन्हें  छोड़ क्यों भागे?
कुछ तो जनसेवा भी कर लो, हार जीत दुनियावी।।
साधो! तुम कितने ----- 

भूखों की तादाद बढ़ी क्यों, नित  बढ़ती मंहगाई।
वादे  सारे  लोक - लुभावन, साबित  हवा-हवाई।
तुझमें  विश्व - गुरु बनने की, क्यों इतनी बेताबी??
साधो! तुम कितने ----- 

न्याय-पूर्ण  हर उस राजा की, हम सब महिमा गाते।
नहीं विरोधी सुमन किसी का, बस दर्पण दिखलाते।
राजा सबको  हक दे समुचित, सच्चा ज्ञान किताबी।।
साधो! तुम कितने -----

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