तेरी   बात  निराली  साहिब
पर  नीयत  है काली साहिब
भाई  - भाई   में   विभेद  हो
क्या तरकीब निकाली साहिब
चश्मा साफ करो फिर देखो
जनता की बदहाली साहिब
छीने   जाते   आमजनों   के
नित  आगे  से थाली साहिब
मुश्किल खबरों से तय करना 
है असली  क्या जाली साहिब
जरा  समर्थक को समझाओ
मत  बाँटें  वो  गाली  साहिब
आशा में हैं सभी सुमन कब 
लाओगे  खुशहाली   साहिब
 
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