Wednesday, April 17, 2024
मर-मर करके जीते हैं
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मन-भर कितने जी पाते पर, मन भर-भर के जीते हैं आपस में ही सुमन चमन के, लड़-लड़ करके जीते हैं वर्ग-विभाजन फूलों में भी, माली जब खुद करत...
Saturday, April 6, 2024
दलदल में सारे दलबदलू
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शासन का हर अंग सामने इधर चुनावी जंग सामने दलदल में सारे दलबदलू दिखा रहे हैं रंग सामने अपने पहले दल की निन्दा अजब सियासी ढंग सा...
जमाना बदल रहा
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अब कहता ये अखबार, जमाना बदल रहा। पर गली - गली बटमार, जमाना बदल रहा।। सत्ता की खास सनक है, खबरों की वही चमक हैं। अनगिन भूखे - नंगों की, जनता...
Thursday, April 4, 2024
पर जीवन आसान नहीं है
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भले अभी व्यवधान नहीं है पर जीवन आसान नहीं है आस - पास में अक्सर देखा सूरत पर मुस्कान नहीं है क्यों परिजन से प्रेम-प्रदर्शन अ...
इससे बाहर कौन है?
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क्या दुनिया में केवल स्वारथ, इससे बाहर कौन है? जो स्वारथ से बाहर जीते, वो समाज में गौण है।। चाहत सबको सुख पाने की, कोशिश करते बनें सुखी...
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