लड़ लेंगे फिर कभी बाद में
वक्त बुरा है, चलें साथ में
पूरी दुनिया पर ये आफत
जिसकी चर्चा बाट घाट में
बन्द करो घर के दरवाजे
महमारी है ताक झांक में
पद, पैसा, मजहब ना जाने
कदम कदम पर मौत घात में
जीत है मुमकिन प्रेम भाव से
क्यूं लड़ना फिर बात बात में
प्रियजन से बतियाते रहना
और नहीं कुछ अभी हाथ में
सावधान रहना, मत डरना
बोझ बढ़ेगा सुमन माथ में
वक्त बुरा है, चलें साथ में
पूरी दुनिया पर ये आफत
जिसकी चर्चा बाट घाट में
बन्द करो घर के दरवाजे
महमारी है ताक झांक में
पद, पैसा, मजहब ना जाने
कदम कदम पर मौत घात में
जीत है मुमकिन प्रेम भाव से
क्यूं लड़ना फिर बात बात में
प्रियजन से बतियाते रहना
और नहीं कुछ अभी हाथ में
सावधान रहना, मत डरना
बोझ बढ़ेगा सुमन माथ में
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