Tuesday, November 10, 2020

हाथ बिहारी के मशाल है

एक सियासी यह कमाल है
हाथ बिहारी के मशाल है

आगे बढ़ता है बिहार जब
रोक सके किसकी मजाल है

परिवर्तन की आँधी लाकर
साथ देश के कदमताल है

पढ़े लिखे कम होने पर भी
सत्ता से करता सवाल है

लोक-जागरण की ये धरती
सचमुच भारत में मिसाल है

लफ्फाजों की शामत आयी
निम्न-वर्ग की आँख लाल है

सदा बिहारी संविधान को
रखा सुमन माथे संभाल है

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