संभव तभी विकास तुम्हारा
गर खुद पर विश्वास तुम्हारा
मन का संबल कम होने पर
बीते समय उदास तुम्हारा
प्यार लुटाने के अवसर तो
वो दिन है फिर खास तुम्हारा
बढ़े चलो पर सदा बचाना
प्यास तुम्हारी आस तुम्हारा
तुमसे ही जीने की ताकत
दूर मगर आवास तुम्हारा
अपनेपन के कारण मुझको
दूभर लगा प्रवास तुम्हारा
तार मिले जब दोनों दिल के
पसरे सुमन सुवास तुम्हारा
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