Wednesday, August 23, 2023
आँगन में अब कुआं कुआं है
भाषण में बस गुमां गुमां है
मगर देश में धुआं धुआं है
पहले अंधा किया सोच से
आँगन में अब कुआं कुआं है
इक दूजे पर भौंके पहले
अब संसद में हुवां हुवां है
आमजनों की झुकी कमरिया
केवल शासक जवां जवां है
सुमन रौशनी ये बाँटे यूँ
जला रहे बस मकां मकां है
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