जो पी लेते लाज गटागट
जोड़ी पुरुखों ने जो दौलत
बेच रहे अब रोज फटाफट
सभी विरोधी पर सरकारी
डंडा बरसे अभी चटाचट
जनहित के जो प्रश्न उठाते
भेजे जाते जेल खटाखट
भ्रष्ट लोग से हाथ मिलाकर
करते हर दिन यार लटापट
लोकतंत्र के महापर्व में
दूर करो बस इन्हें झटाझट
चुनो सुमन सच्चे जनसेवक
मोहर मारो अभी सटासट
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