आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! इतनी सुंदर पंक्तियाँ लिखा है आपने की खुशी से मन भर गया! वाह वाह अत्यन्त सुंदर ! बिल्कुल सही कहा है आपने! इस छोटी सी प्यारी सी उम्दा रचना के लिए बधाई!
क्या कहूँ अपने से अपने ही बारे में? इस प्रतियोगी युग में जीने के लिए लगातार कार्यरत एक जीवित-यंत्र, जिसे सामान्य भाषा में आदमी कहा जाता है और जो इसी आपाधापी से कुछ वक्त चुराकर अपने भोगे हुए यथार्थ की अनुभूतियों को समेट, शब्द-ब्रह्म की उपासना में विनम्रता से तल्लीन है - बस इतना ही। शिक्षा - एम० ए० (अर्थशास्त्र)
तकनीकी शिक्षा -
विद्युत अभियंत्रण मे डिप्लोमा
सम्प्रति - प्रशासनिक पदाधिकारी टाटा स्टील, जमशेदपुर रुचि के विषय : नैतिक-मानवीय मूल्य एवं सम्वेदना
19 comments:
लव खोलो, मत लब लब बोल।।
-सटीक!!
आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! इतनी सुंदर पंक्तियाँ लिखा है आपने की खुशी से मन भर गया!
वाह वाह अत्यन्त सुंदर ! बिल्कुल सही कहा है आपने! इस छोटी सी प्यारी सी उम्दा रचना के लिए बधाई!
waah !
शब्द-शब्द में सार ..!
waah!
कम शब्दों मे ज्यादा बड़ी बात्।
बढ़िया रहा मतलब का चमत्कार!
बस वाह !!
chotee see pyaree rachana .
waah
bahut sundar लव खोलो, मत लब लब बोल
mere blog tak aane ke liye aapka aabhari hooo
वाह, सुमन जी वाह।
चंद शब्दों में पूरा लेख ।
बहुत बढ़िया रहा।
लव खोलो, मत लब लब बोल।
बिल्कुल सटीक बात्!
दिलचस्प।
टिप्पणी का आभार सभी को
सुमन हृदय में अमृत घोल
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत सुन्दर
वाह!
बहुत खुब जी
लव खोलो, मत लब लब बोल
कब शब्द और अर्थ अगाध...
भईया की कलम चले निर्बाध...
Post a Comment