मैं डूब सकूँ इन आँखों में जो तेरी इजाजत हो जाए
इक डर है दिल के कोने में कुछ तुमको शिकायत हो जाए
जुल्फों की छाँव घनेरी हो जहाँ बैठ तपिश पे गीत लिखूँ
सरगम साँसों की गिनती में समझो कि इबादत हो जाए
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
महसूस करो दिल की धड़कन तो दिल की हिफाजत हो जाए
एहसास तुम्हारे दिल में जो चेहरे की नफासत कहती है
कहीं चूक गया जो प्यार तेरा तो खुद से अदावत हो जाए
अनजान मिले थे हम दोनों पहचान पुरानी सी लगती
पहचान वही लौटा दो मुझे एक बार हिमाकत हो जाए
आपस में मिलतीं चाहत जब तो इश्क वहाँ पर लाजिम है
इकरार करो बस लफ्जों से थोड़ी सी इनायत हो जाए
साँसों का केवल चलना क्या जीने की निशानी हो सकती?
कुछ प्यार सुमन पर बरसा दो जीवन भी सलामत हो जाए
इक डर है दिल के कोने में कुछ तुमको शिकायत हो जाए
जुल्फों की छाँव घनेरी हो जहाँ बैठ तपिश पे गीत लिखूँ
सरगम साँसों की गिनती में समझो कि इबादत हो जाए
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
महसूस करो दिल की धड़कन तो दिल की हिफाजत हो जाए
एहसास तुम्हारे दिल में जो चेहरे की नफासत कहती है
कहीं चूक गया जो प्यार तेरा तो खुद से अदावत हो जाए
अनजान मिले थे हम दोनों पहचान पुरानी सी लगती
पहचान वही लौटा दो मुझे एक बार हिमाकत हो जाए
आपस में मिलतीं चाहत जब तो इश्क वहाँ पर लाजिम है
इकरार करो बस लफ्जों से थोड़ी सी इनायत हो जाए
साँसों का केवल चलना क्या जीने की निशानी हो सकती?
कुछ प्यार सुमन पर बरसा दो जीवन भी सलामत हो जाए
28 comments:
वाह वाह श्यामल जी , क्या बात है , सभी एक से बढ के एक , बहुत बहुत सुंदर
नववर्ष की शुभकामनाएं आपको
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
पहचान सको दिल की धड़कन या दिल में बगावत हो जाए
वाह क्या ख़ूब ग़ज़ल पेश की है आपने। बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
आपस में चाहत मिलतीं जब तो इश्क वहाँ पर लाजिम है
इकरार करो बस लफजों से इतनी सी इनायत हो जाए
shyamal ji gazal me badshahat hai aapko kai khubsurat bhav ke sath ek khubusrat gazal...badhiya prstuti..dhanywaad!!!"
Happy New Year in Advance"
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
पहचान सको दिल की धड़कन या दिल में बगावत हो जाए
बेहतरीन !
जुल्फों की छाँव घनेरी हो जहाँ बैठ तपिश पे गीत लिखूँ साँसों की गिनती हो
गजब के भाव है क्या कहने आनंद आ गया बधाई .... नववर्ष की हार्दिक शुभकामना
जुल्फों की छाँव घनेरी हो जहाँ बैठ तपिश पे गीत लिखूँ
साँसों की गिनती हो सरगम समझो कि इबादत हो जाए
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
पहचान सको दिल की धड़कन या दिल में बगावत हो जाए
वाह सुमन जी लाजवाब रचना है। बधाई नये साल की शुभकामनायें
साँसों का केवल चलना क्या जीने की निशानी हो सकती?
कुछ प्यार सुमन पर बरसा दो जीवन भी सलामत हो जाए
श्यामल जी-सुमन वर्षा के आभारी हैं, बहुत ही सुंदर गजल, आभार
"तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
पहचान सको दिल की धड़कन या दिल में बगावत हो जाए"
सहज पंक्तियाँ , मन को छूती | आभार पोस्ट के लिए |
मैं डूब सकूँ इन आँखों में जो तेरी इजाजत हो जाए
इक डर भी दिल के कोने में कुछ तुमको शिकायत हो जाए
बहुत सुंदर लगी आप की यह रचना
जुल्फों की छाँव घनेरी हो जहाँ बैठ तपिश पे गीत लिखूँ
साँसों की गिनती हो सरगम समझो कि इबादत हो जाए
वाह, सुमन जी। बहुत सुन्दर।
शुभकामनायें।
वाह, बहुत सुन्दर गज़ल कही है.
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
आपस में चाहत मिलतीं जब तो इश्क वहाँ पर लाजिम है
इकरार करो बस लफजों से इतनी सी इनायत हो जाए...
shandaar gajal kah di aapne...
साँसों का केवल चलना क्या
जीने की निशानी हो सकती?
कुछ प्यार सुमन पर बरसा दो
जीवन भी सलामत हो जाए
बहुत सुन्दर!
नव वर्ष की शुभकामनाएँ!
मैं डूब सकूँ इन आँखों में जो तेरी इजाजत हो जाए
इक डर भी दिल के कोने में कुछ तुमको शिकायत हो जाए
आ...हा.....!!
जुल्फों की छाँव घनेरी हो जहाँ बैठ तपिश पे गीत लिखूँ
साँसों की गिनती हो सरगम समझो कि इबादत हो जाए
लिखते रहिये छाँव में बैठ .......!!
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
पहचान सको दिल की धड़कन या दिल में बगावत हो जाए
बगावत कर ही डालिए अब ......!
आपस में चाहत मिलतीं जब तो इश्क वहाँ पर लाजिम है
इकरार करो बस लफजों से इतनी सी इनायत हो जाए
तौबा ...अब तो मान ही जाना चाहिए ......!!
साँसों का केवल चलना क्या जीने की निशानी हो सकती?
कुछ प्यार सुमन पर बरसा दो जीवन भी सलामत हो जाए
हर दो दिन में नयी ग़ज़ल .....??
कितने संकलन निकल चुके हैं अब तक .....???
आभार है प्रेषित उन सबको जिसने भी पढ़ा और प्यार दिया
हो वर्ष नया मंगल सबका संग सुमन हिफजत हो जाए
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
नया साल अपने संग आपके लिए ढेर सारी खुशियाँ लाये...
waah ji waah !
mehfil lootne waali gazal kahi aapne....
abhinandan !
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
महसूस करो दिल की धड़कन तो दिल की हिफाजत हो जाए.......!!!!!
नववर्ष की शुभकामनाएं...!!!
साँसों का केवल चलना क्या जीने की निशानी हो सकती?
कुछ प्यार सुमन पर बरसा दो जीवन भी सलामत हो जाए ।
बहुत खूब शामल सुमन जी ।
बढ़िया गज़ल बधाई।
--नववर्ष मंगलमय हो।
नववर्ष की शुभकामनाएं...!!
haapy new year sirji!
badhiyaa.
CHANDER KUMAR SONI,
L-5, MODEL TOWN, N.H.-15,
SRI GANGANAGAR-335001,
RAJASTHAN, INDIA.
CHANDERKSONI@YAHOO.COM
00-91-9414380969
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
"तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
महसूस करो दिल की धड़कन तो दिल की हिफाजत हो जाए"
वाह ! एक एक शब्द मन मोहित करने वाले . बहुत बहुत धन्यवावाह !
WAAH...ABHIBHOOT KARTI KOMAL SUNDAR MADHUR PRANAY GEET....ISE TO VISHESH ROOP SE AAPKE SWAR ME SUNNA PADEGA BHAAIJEE.....
अति सुंदर शब्दों के बोल भावना
आँख मूँद के आपने कविता गाई
अमेरिका में दी सुनायी
करूंगी कोई ऐसा उपाय
गजल के गाते हुए
आपके दर्शन हो जाएँ
सदर प्रणाम
गुड्डो दादी
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guddo dadi माँ की शिक्षा संस्कार- 33 minutes ago- - Friends
इनायत हो जाए
मैं डूब सकूँ इन आँखों में जो तेरी इजाजत हो जाए
इक डर है दिल के कोने में कुछ तुमको शिकायत हो जाए
जुल्फों की छाँव घनेरी हो जहाँ बैठ तपिश पे गीत लिखूँ
साँसों की गिनती में सरगम समझो कि इबादत हो जाए
तन भी सुन्दर मन भी सुन्दर है प्यार तुम्हारी आँखों में
महसूस करो दिल की धड़कन तो दिल की हिफाजत हो जाए
एहसास तुम्हारे दिल में जो चेहरे की नफासत कहती है
कहीं चूक गया जो प्यार तेरा तो खुद से अदावत हो जाए
अनजान मिले थे हम दोनों पहचान पुरानी सी लगती
पहचान वही लौटा दो मुझे एक बार हिमाकत हो जाए
आपस में मिलतीं चाहत जब तो इश्क वहाँ पर लाजिम है
इकरार करो बस लफ्जों से थोड़ी सी इनायत हो जाए
साँसों का केवल चलना क्या जीने की निशानी हो सकती?
कुछ प्यार सुमन पर बरसा दो
कवि श्यामल जी की सहमति से
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view more repliesLoading... PAWAN ARORA मेरा मजहब '' प्यार और वफ़ा ' आपस में मिलतीं चाहत जब तो इश्क वहाँ पर लाजिम है
इकरार करो बस लफ्जों से थोड़ी सी इनायत हो जाए
bahut khub dadi g ..aapki kalam ka jadu Read full reply21 minutes ago
राज धामेचा एहसास तुम्हारे दिल में जो चेहरे की नफासत कहती है
कहीं चूक गया जो प्यार तेरा तो खुद से अदावत हो जाए,...
दादी माँ प्रणाम.........बहुत बढ़िया मजा आ गया ...... 20 minutes ago
guddo dadi माँ की शिक्षा संस्कार राज बेटा ,पवन बेटा
आशीर्वाद
मेरी लिखी नहीं नकल टीपू हूँ seconds ago
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