Thursday, December 31, 2009

नूतन आस जगाने दो

नये साल का स्वागत करके, नूतन आस जगाने दो
कल क्या होगा, कौन जानता, मन की प्यास बुझाने दो

क्या खोया, क्या पाया कल तक, अनुभव के संग ज्ञान यही
इसी ज्ञान से कल हो रौशन, यह विश्वास बढ़ाने दो

जो न सोचा, हो जाता है, नहीं  हारते वीर कभी
सच्ची कोशिश, प्रतिफल अच्छा, बातें खास बताने दो

कल आयेगा, बीता कल भी, नहीं किसी पर वश अपना
अपने वश में वर्तमान बस, यह आभास कराने दो

जितने काँटे मिले सुमन को, बढ़ती है उतनी खुशबू
खुद का परिचय संघर्षों से, यह एहसास कराने दो

37 comments:

स्वप्न मञ्जूषा said...

बहुत सुन्दर कविता पढ़वा दी आपने भईया ...
आभार...
नव वर्ष मंगलमय हो...!!!

Kusum Thakur said...

नए वर्ष का स्वागत कर हम ,
मन में प्यार सौहार्ध लिए ,
आओ क्यों न मिल- जुल कर
हम खुशियों से नव वर्ष मनाएं !!

मनोज कुमार said...

आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।

संगीता पुरी said...

बहुत बढिया .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नया वर्ष मंगलमय हो !!

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बहुत सुन्दर ,आपको भी नव-वर्ष की ढेरो शुभकामनाये !

वाणी गीत said...

नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!

Meenu Khare said...

नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें ...!!

36solutions said...

सुमन जी आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये.
सुख आये जन के जीवन मे यत्न विधायक हो
सब के हित मे बन्धु! वर्ष यह मंगलदयक हो.

(अजीत जोगी की कविता के अंश)

IMAGE PHOTOGRAPHY said...

नववर्ष मंगलमय हो व आपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।

सुन्दर कविता ।

Unknown said...

बहुत ख़ूब !
उम्दा ग़ज़ल
सुकून मिला पढ़ कर...........

नव वर्ष अभिनन्दन !

Himanshu Pandey said...

बेहद शुभ विचार युक्त कविता । आभार ।

नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ।

राज भाटिय़ा said...

आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाए

राजकुमार ग्वालानी said...

आप और आपके परिवार को नववर्ष की सादर बधाई

डॉ टी एस दराल said...

बहुत खूब।
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो।

प्रिया said...

wishing you a very happy and prosperous new year

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर said...

नये वर्ष की शुभकामनाओं सहित

आपसे अपेक्षा है कि आप हिन्दी के प्रति अपना मोह नहीं त्यागेंगे और ब्लाग संसार में नित सार्थक लेखन के प्रति सचेत रहेंगे।

अपने ब्लाग लेखन को विस्तार देने के साथ-साथ नये लोगों को भी ब्लाग लेखन के प्रति जागरूक कर हिन्दी सेवा में अपना योगदान दें।

आपका लेखन हम सभी को और सार्थकता प्रदान करे, इसी आशा के साथ

डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर

जय-जय बुन्देलखण्ड

श्यामल सुमन said...

पुनश्च नये साल की समस्त सुभकामनाओं सहित आप सबके प्रति विनम्र आभार प्रेषित है।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman. blogspot. com

Yogesh Verma Swapn said...

dilon men vishvas jagati behatareen rachna. badhaai

Dr. Sudha Om Dhingra said...

बेहतरीन ग़ज़ल --
बहुत उम्दा -

mamuli chizon k devta said...

I HAVE A QUESTION AFTER READING THIS POEM, IS THERE ANY END TO THIS OF UR REPROITE?

रंजना said...

NOOTAN VARSH KE ANOOTHE ABHINANDAN KE BAAS AB YAH ANUPAM KAVITA...WAAH !!!

BAHUT BAHUT BAHUT HI SUNDAR !!!!

Roshani said...

नव वर्ष की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें.......

Alpana Verma said...

'जो न सोचा, हो जाता है, नहीं हारते वीर कभी।
सच्ची कोशिश, प्रतिफल अच्छा, बातें खास बताने दो।।'

बहुत सुन्दर!
नव वर्ष की शुभकामनायें.

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर कविता है मैं भी कई दिन बाद पोस्ट लिख पाई हूँ । आप्की पोस्ट भी बहुत दिन से नहीं आयी है नये साल की बहुत बहुत शुभकामनायें

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

आपको भी हार्दिक शुभकमानाएँ।
--------
बारिश की वो सोंधी खुश्बू क्या कहती है?
क्या सुरक्षा के लिए इज्जत को तार तार करना जरूरी है?

shama said...

जितने काँटे मिले सुमन को, बढ़ती है उतनी खुशबू।
खुद का परिचय संघर्षों से, यह एहसास कराने दो।।

Is rachnane jeeven ka poora nichod saamene rakh diya! Mere paas any alfaaz nahee..

M VERMA said...

जितने काँटे मिले सुमन को, बढ़ती है उतनी खुशबू।
खुद का परिचय संघर्षों से, यह एहसास कराने दो।।
काँटों से खुशबू लेने की यह अदा अच्छी लगी.
बहुत सुन्दर रचना
नया साल मुबारक हो

Urmi said...

आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!

हर्षिता said...

नए वर्ष के अवसर पर सुन्दर कविता परोसी आपने। धन्यवाद ।

Yogesh Verma Swapn said...

suman ji , janm divas par dheron shubh kaamnayen, aapne apni rachna men jo kuchh kaha hai , aaj aapke janm din par sabhi aapke liye. nav varsh ki bhi mangal kaamnayen.

निर्मला कपिला said...

जितने काँटे मिले सुमन को, बढ़ती है उतनी खुशबू।
खुद का परिचय संघर्षों से, यह एहसास कराने दो।।
sसुमन जी बहुत सुन्दर सन्देश देती इस रचना के लिये बधाई नये साल की आपको भी शुभकामनायें

निर्मला कपिला said...

अपको जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई

अरुण चन्द्र रॉय said...

" जितने काँटे मिले सुमन को,
बढ़ती है उतनी खुशबू।
खुद का परिचय संघर्षों से,
यह एहसास कराने दो।। "

bahut sunder bhav... bahut inspiring kavita ! nav varsh ki mangal kaamna !

अनूप शुक्ल said...

आपको जन्मदिन की अनेकानेक मंगलकामनायें।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

नव वर्ष की शुभकामनाओं के लिए आभार तो पहले ही दे चुका हूँ, आज तो यह निदेवन करने आया हूँ कि कुछ नया भी लिखें।
--------
अपना ब्लॉग सबसे बढ़िया, बाकी चूल्हे-भाड़ में।
ब्लॉगिंग की ताकत को Science Reporter ने भी स्वीकारा।

Satish Saxena said...

क्या मस्ती है कवि की ... शुभकामनाएं !!

गुड्डोदादी said...

श्यामल जी
सदा सुखी रहो
कल आएगा ,बीता कल भी,नहीं किसी पर वश अपना
अपने वश में वर्तमान बस,यह आभास करने दो

बहुत ही सच्चाई का वर्णन है
आशीर्वाद
गुड्डों दादी चिकागो से

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