होली तो अब सामने, खेलेंगे सब रंग।
मँहगाई ऐसी बढ़ी, फीकी हुई उमंग।।
पैसा निकले हाथ से, ज्यों मुट्ठी से रेत।
रंग दिखे ना आस की, सूखे हैं सब खेत।।
एक रंग आतंक का, दूजा भ्रष्टाचार।
सभी सुरक्षा संग ले, चलती है सरकार।।
मौसम संग इन्सान का, बदला खूब स्वभाव।
है वसंत पतझड़ भरा, आदम हृदय न भाव।।
बना मीडिया आजकल, बहुत बड़ा व्यापार।
खबरों के कम रंग हैं, विज्ञापन भरमार।।
रंग सुमन का उड़ गया, देख देश का हाल।
जनता क्यों कंगाल है, नेता मालामाल।।
मँहगाई ऐसी बढ़ी, फीकी हुई उमंग।।
पैसा निकले हाथ से, ज्यों मुट्ठी से रेत।
रंग दिखे ना आस की, सूखे हैं सब खेत।।
एक रंग आतंक का, दूजा भ्रष्टाचार।
सभी सुरक्षा संग ले, चलती है सरकार।।
मौसम संग इन्सान का, बदला खूब स्वभाव।
है वसंत पतझड़ भरा, आदम हृदय न भाव।।
बना मीडिया आजकल, बहुत बड़ा व्यापार।
खबरों के कम रंग हैं, विज्ञापन भरमार।।
रंग सुमन का उड़ गया, देख देश का हाल।
जनता क्यों कंगाल है, नेता मालामाल।।
24 comments:
बहुत बढ़िया लगे सामयिक दोहे.. होली की शुभकामनायें
होली तो अब सामने खेलेंगे सब रंग।
मँहगाई ऐसी बढ़ी फीका हुआ उमंग।।
पैसा निकले हाथ से ज्यों मुट्ठी से रेत।
रंग दिखे ना आस की सूखे हैं सब खेत।।
behtreen laine.aabhar.
बहुत अच्छे लगे सभी दोहे । होली की शुभकामनायें
एसी होली हो, तो हो ली होली :)
वाह स्यामल जी,
जोरदार दोहों ने दुह दिया सबको,
होली की शुभकामनाएं
खेलकर फ़ोटो आर्कुट पे लगाएं
आभार
होली के बेहतरीन दोहे!!
बहुत सही लिखे हैं सभी दोहे।
होली की शुभकामनायें।
सभी दोहे बहुत अच्छॆ लगे.
धन्यवाद
होली के दोहों से आपने दिखाया कमाल
तरह तरह के रंग बेचकर नेता हुए मालामाल,
हुए नेता मालामाल आपने बताया,
बस ये तो आम आदमी ही है हर कदम पर फरेब खाया हुआ ....
happy holi 2 you....
Bahut acche aur sarthak dohe hai....Aapko bahut dhanywaad!
Holi ki shubhakaamnae!!
रगों के समसामयिक सन्दर्भ
अत्यंत सुन्दर
होली की शुभकामनाएँ!
बढ़िया सामयिक दोहे ....
पर अगली पोस्ट कुछ मस्ती से भरी होनी चाहिए ...अब तो खुमार चढ चुका है जी ...
जबरदस्त, होली की शुभकामनायें !
Holee kee anek shubhkamnayen!
स्यामल
जिंदा रह
अरे तने यूं के लिख दिया होली के दीन्
यूं तो बोत बडी बात है से
पीसा निक्डे हाथ से जों मुठ्ठी मा रेत
रंग न दीखे आसां के सूखे हैं सब खेत
एक बातां नू मने समझ ने आयी
नेताओं को बैल की जगह जोत के हल चल्वावो
रेत के टोकरे भी उठ्वावो
फिर देखो खेतों की हरियाली
रेत के स्थान पर मुठ्ठी में अन्न होगा
सभी ओर होगी प्रसन्नता खुशियाली
दर-वट जमाना कट
सभी पढ़ कर सोचेगे
क्या लिख दिया दादी ने अब
sabhi dohe soye huyon ko jagrit karne ke liye kafi hain basharte un par asar ho............ek se badhkar ek hain.
HOLI KI HARDIK SHUBHKAMNAYEIN.
बहुत अच्छे लगे सभी दोहे । होली की शुभकामनायें
आज तो कुछ अलग सा मिला आपसे ! होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायें
मिला प्यार मुझको बहुत जगा हृदय का भाव।
होली की शुभकामना हो रंगीन प्रभाव।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बहुत बेहतरीन दोहे.
आपको होली पर्व की घणी रामराम.
रामराम
excellent ji.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
पैसा निकले हाथ से ज्यों मुट्ठी से रेत।
रंग दिखे ना आस की सूखे हैं सब खेत।।
Aaj desh ke kisano ka yahi haal hai...apne sachhai ka warnan kiya hai...par kitni achhi tarah.
रंग सुमन का उड़ गया देख देश का हाल।
जनता सब कंगाल है नेता मालामाल।।
वाह वाह ।
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