देखो फिर से वसंती हवा आ गयी।
तान कोयल की कानों में यूँ छा गयी।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
इस कदर डूबी क्यों बाहरी रंग में।
रंग फागुन का गहरा पिया संग मे।
हो छटा फागुनी और घटा जुल्फ की,
है मिलन की तड़प मेरे अंग अंग में।
दामिनी कुछ कर देंगे नादानियाँ।।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
बन गया हूँ मैं चातक तेरी चाह में।
चुन लूँ काँटे पड़े जो तेरी राह में।
दूर हो तन भले मन तेरे पास है,
मन है व्याकुल मेरा तेरी परवाह में।
भामिनी हम न देंगे कुर्बानियाँ।।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
मैं भ्रमर बन सुमन पे मचलता रहा।
तेरी बाँहों में गिर गिर संभलता रहा।
बिना प्रीतम के फागुन का क्या मोल है,
मेरा मन भी प्रतिपल बदलता रहा।
मानिनी हम फिर लिखेंगे कहानियाँ।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
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अन्ध-भक्ति है रोग
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गन्दा फिर तालाब
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मगर बेचना मत खुद्दारी
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लेकिन बात कहाँ कम करते
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विश्व की महान कलाकृतियाँ-
25 comments:
Behad Sundar
Aapko sapriwaar holi ki hardik shubhkaamnae!!
बहुत सुन्दर श्यामल जी. आज के दिन की शुरुआत इस सुन्दर गीत से हुई.
आप को और आप के परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
प्रीतम और फागुन -एक दूसरे के पूरक ।
आपको और आपके समस्त परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें।
मैं भ्रमर बन सुमन पे मचलता रहा।
तेरी बाँहों में गिर गिर संभलता रहा।
बिना प्रीतम के फागुन का क्या मोल है,
मेरा मन भी प्रतिपल बदलता रहा।
बेहतरीन, सुन्दर, भावपूर्ण
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
इस बार रंग लगाना तो.. ऐसा रंग लगाना.. के ताउम्र ना छूटे..
ना हिन्दू पहिचाना जाये ना मुसलमाँ.. ऐसा रंग लगाना..
लहू का रंग तो अन्दर ही रह जाता है.. जब तक पहचाना जाये सड़कों पे बह जाता है..
कोई बाहर का पक्का रंग लगाना..
के बस इंसां पहचाना जाये.. ना हिन्दू पहचाना जाये..
ना मुसलमाँ पहचाना जाये.. बस इंसां पहचाना जाये..
इस बार.. ऐसा रंग लगाना...
(और आज पहली बार ब्लॉग पर बुला रहा हूँ.. शायद आपकी भी टांग खींची हो मैंने होली में..)
होली की उतनी शुभ कामनाएं जितनी मैंने और आपने मिलके भी ना बांटी हों...
आप को और आप के परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं
होली के रंगों की तरह सुन्दर रचना। आप को और आप के परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जल के राख हो , नफरत की होलिका
आल्हाद का प्रहलाद बचे , इस बार होली में !
बहुत सुन्दर होली गीत । आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें ।
fagunahat ,achchi geetika ke liye bahut badhai,
holi ki shubhkamnayen
bahut sundar geet hai.
holi ki shubhkamnayen
बहुत सुंदर रचना जी.
आप और आप के परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएं !!
होली की रंगभरी शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
इस बेजोड़ रचना के लिए श्यामल जी आपको बधाई और होली की ढेरों शुभ कामनाएं...
नीरज
आपको और आपके परिवार को होली पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
बहुत सुंदर अनुभूतियां.
रंगोत्सव पर्व की हार्दिक शुभकामनाये ...
bahut sundar .......happy holi.
बहुत सुंदर गीत. होली की घणी रामराम.
रामराम.
रंगारंग उत्सव पर आपको हार्दिक शुभकामनायें !
सामल
चिरंजीव
गीत तो चोखा यूं तो बढी बात से
बहू ने,पोते,पोतियों ने होली की सीसाँ दीजो
थाहरी
दादी का आसिरवाद अमरीका से
मैं भ्रमर बन सुमन पे मचलता रहा।
तेरी बाँहों में गिर गिर संभलता रहा।
बिना प्रीतम के फागुन का क्या मोल है,
मेरा मन भी प्रतिपल बदलता रहा।
मानिनी हम फिर लिखेंगे कहानियाँ।
कामिनी मिल खोजेंगे रंगीनियाँ।।
बहुत सुंदर प्रेम गीत ।
आप सब के असीम प्यार के प्रति विनम्र आभार प्रेषित है।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
अति सुन्दर रचना है भूली बिसरी यादे ताजा हो गयी.....
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