पिछले दस दिनों से इसी राज्य सम्मेलन में खुद की व्यस्तता के कारण इन्टरनेट की दुनिया से प्रायः कट सा गया था। जनवादी लेखक संघ (जलेस) झारखण्ड का तृतीय राज्य सम्मेलन १९ - २१ मार्च को जमशेदपुर में सम्पन्न हुआ। केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में जलेस के केन्द्रीय अध्यक्ष डा० शिव कुमार मिश्र और केन्द्रीय सचिव डा० चंचल चौहान उपस्थित थे। राज्य के सभी जिला इकाईयों से करीब ७० प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।
१९ मार्च को ३ बजे अपराह्न सम्मेलन का उद्घाटन सत्र शुरु हुआ और उद्घाटनकर्ता थे जलेस के केन्द्रीय अध्यक्ष डा० शिव कुमार मिश्र। अन्होंने विस्तार से देश और दुनिया की हालात की चर्चा करते हुए रचनाकारों की भूमिका पर भी चर्चा की। विभिन्न स्थानीय सहयोगी संगठन जैसे प्रगतिशील लेखक संघ, सी० आई० टी० यू०, प्रेरणा - साहित्यिक सांस्कृतिक मंच, टिस्को कर्मचारी यूनियन, सहयोग - बहुभाषीय साहित्यिक संस्था, मैथिली साहित्य मंच, हिन्दी साहित्य सम्मेलन सिंहभूम, विश्व भोजपुरी सम्मेलन, विदूषक परिवार, भोजपुरी साहित्य परिषद जमशेदपुर आदि के प्रतिनिधियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और सम्मेलन के प्रति अपना समर्थन देते हुए सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाऐं दीं। १९ मार्च को ही द्वितीय सत्र में जलेस के केन्द्रीय अध्यक्ष डा० शिव कुमार मिश्र को उनके बिशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया। उसके बाद एक बेहद खूबसूरत और सफल सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।
२० मार्च को सुबह ९ बजे से प्रतिनिधि सत्र की शुरुआत हुई जिसमें राज्य सचिव के प्रतिवेदन पर चर्चा हुई। सभी जिले के प्रतिनिधियों ने बहस में बढ़ चढ़कर भाग लिया और मामूली संशोधन के साथ प्रतिवेदन को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। २० मार्च को ही ३ बजे से एक सेमिनार हुआ जिसका बिषय था "बाजारवाद का जनविरोधी स्वरूप और साहित्य की भूमिका"। चर्चा में जलेस के कई प्रतिनिधियों के अतिरिक्त सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमिनार बहुत ही सफल रहा। फिर इसी दिन तृतीय सत्र में शाम ७ बजे से श्यामल सुमन के संचालन में एक कवि सम्मेलन हुआ जिसमें करीब ४८ कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया और खूब तालियाँ बटोरीं। इसी सत्र की शुरूआत में अमेरिका से आयीं गुड्डो दादी, जो आजकल श्यामल सुमन के परिवार के साथ जमशेदपुर में हैं, को लम्बे समय तक प्रवासी रहने के बावजूद उनके हिन्दी-प्रेम और हिन्दुस्तान के मिट्टी के प्रति लगाव के साथ ही गरीबों के प्रति किये गए उनके कार्य के लिए शाल, स्मृति चिह्न और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
२१ मार्च को जलेस झारखण्ड राज्य इकाई का चुनाव केन्द्रीय पर्यवेक्षक डा० शिव कुमार मिश्र और डा० चंचल चौहान के पर्यवेक्षत्व में सर्वसम्मति से सम्पन्न हुआ जिसमें अध्यक्ष - डा० अली इमाम खां, सचिव - गोपाल प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष - डा० मृणाल, संयुक्त सचिव - श्यामल सुमन, अरविन्द विद्रोही, धनंजय, रजनीकांत राकेश, उपाध्यक्ष - नंदकुमार उन्मन, राम निवास, पी० सी० दास, नारायण सिंह, ललन तिवारी, एवं कोषाध्यक्ष - सवामी नाथ चुने गए। २१मार्च को ही द्वितीय सत्र में जनवादी लेखक संघ सिंहभूम के जिला इकाई का चुनाव भी केन्द्रीय पर्यवेक्षक डा० चंचल चौहान और राज्य पर्यवेक्षक डा० अली इमाम खां की देख रेख में सर्व सम्मति से सम्पन्न हुआ जिसमें अध्यक्ष - नंद कुमार उन्मन, कार्यकारी अध्यक्ष - अरविन्द विद्रोही, सचिव -शेलेन्द्र कुमार अस्थाना, कार्यकारी सचिव सह कोषाघ्याक्ष - श्यामल सुमन, उपाध्यक्ष - राम निवास, गोपाल गुंजन, सह सचिव - उदय प्रताप हयात और अशोक शुभदर्शी चुने गए। स्थानीय सभी अखबारों सहित राष्ट्रीय अखबारों और इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने भी इस सम्मेलन की गतिविधियों को प्रमुखता से स्थान दिया।
१९ मार्च को ३ बजे अपराह्न सम्मेलन का उद्घाटन सत्र शुरु हुआ और उद्घाटनकर्ता थे जलेस के केन्द्रीय अध्यक्ष डा० शिव कुमार मिश्र। अन्होंने विस्तार से देश और दुनिया की हालात की चर्चा करते हुए रचनाकारों की भूमिका पर भी चर्चा की। विभिन्न स्थानीय सहयोगी संगठन जैसे प्रगतिशील लेखक संघ, सी० आई० टी० यू०, प्रेरणा - साहित्यिक सांस्कृतिक मंच, टिस्को कर्मचारी यूनियन, सहयोग - बहुभाषीय साहित्यिक संस्था, मैथिली साहित्य मंच, हिन्दी साहित्य सम्मेलन सिंहभूम, विश्व भोजपुरी सम्मेलन, विदूषक परिवार, भोजपुरी साहित्य परिषद जमशेदपुर आदि के प्रतिनिधियों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और सम्मेलन के प्रति अपना समर्थन देते हुए सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाऐं दीं। १९ मार्च को ही द्वितीय सत्र में जलेस के केन्द्रीय अध्यक्ष डा० शिव कुमार मिश्र को उनके बिशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया। उसके बाद एक बेहद खूबसूरत और सफल सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।
२० मार्च को सुबह ९ बजे से प्रतिनिधि सत्र की शुरुआत हुई जिसमें राज्य सचिव के प्रतिवेदन पर चर्चा हुई। सभी जिले के प्रतिनिधियों ने बहस में बढ़ चढ़कर भाग लिया और मामूली संशोधन के साथ प्रतिवेदन को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। २० मार्च को ही ३ बजे से एक सेमिनार हुआ जिसका बिषय था "बाजारवाद का जनविरोधी स्वरूप और साहित्य की भूमिका"। चर्चा में जलेस के कई प्रतिनिधियों के अतिरिक्त सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सेमिनार बहुत ही सफल रहा। फिर इसी दिन तृतीय सत्र में शाम ७ बजे से श्यामल सुमन के संचालन में एक कवि सम्मेलन हुआ जिसमें करीब ४८ कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया और खूब तालियाँ बटोरीं। इसी सत्र की शुरूआत में अमेरिका से आयीं गुड्डो दादी, जो आजकल श्यामल सुमन के परिवार के साथ जमशेदपुर में हैं, को लम्बे समय तक प्रवासी रहने के बावजूद उनके हिन्दी-प्रेम और हिन्दुस्तान के मिट्टी के प्रति लगाव के साथ ही गरीबों के प्रति किये गए उनके कार्य के लिए शाल, स्मृति चिह्न और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।
२१ मार्च को जलेस झारखण्ड राज्य इकाई का चुनाव केन्द्रीय पर्यवेक्षक डा० शिव कुमार मिश्र और डा० चंचल चौहान के पर्यवेक्षत्व में सर्वसम्मति से सम्पन्न हुआ जिसमें अध्यक्ष - डा० अली इमाम खां, सचिव - गोपाल प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष - डा० मृणाल, संयुक्त सचिव - श्यामल सुमन, अरविन्द विद्रोही, धनंजय, रजनीकांत राकेश, उपाध्यक्ष - नंदकुमार उन्मन, राम निवास, पी० सी० दास, नारायण सिंह, ललन तिवारी, एवं कोषाध्यक्ष - सवामी नाथ चुने गए। २१मार्च को ही द्वितीय सत्र में जनवादी लेखक संघ सिंहभूम के जिला इकाई का चुनाव भी केन्द्रीय पर्यवेक्षक डा० चंचल चौहान और राज्य पर्यवेक्षक डा० अली इमाम खां की देख रेख में सर्व सम्मति से सम्पन्न हुआ जिसमें अध्यक्ष - नंद कुमार उन्मन, कार्यकारी अध्यक्ष - अरविन्द विद्रोही, सचिव -शेलेन्द्र कुमार अस्थाना, कार्यकारी सचिव सह कोषाघ्याक्ष - श्यामल सुमन, उपाध्यक्ष - राम निवास, गोपाल गुंजन, सह सचिव - उदय प्रताप हयात और अशोक शुभदर्शी चुने गए। स्थानीय सभी अखबारों सहित राष्ट्रीय अखबारों और इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने भी इस सम्मेलन की गतिविधियों को प्रमुखता से स्थान दिया।
2 comments:
राज्य सम्मेलन की सुन्दर चर्चा
ati-uttam.
thanks.
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