प्रियतम होते पास अगर
मिट जाती वो प्यास जिगर
ढ़ूँढ़ रहा हूँ मैं बर्षों से
प्यार भरी वो खास नजर
टूटे दिल की तस्वीरों का
देता है आभास अधर
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर
तंत्र कैद है शीतल घर में
जारी है संत्रास इधर
लोगों को छुटकारा दे दो
बन्द करो बकवास खबर
टूटे सपने सच हो जाएं
सुमन हृदय एहसास अगर
मिट जाती वो प्यास जिगर
ढ़ूँढ़ रहा हूँ मैं बर्षों से
प्यार भरी वो खास नजर
टूटे दिल की तस्वीरों का
देता है आभास अधर
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर
तंत्र कैद है शीतल घर में
जारी है संत्रास इधर
लोगों को छुटकारा दे दो
बन्द करो बकवास खबर
टूटे सपने सच हो जाएं
सुमन हृदय एहसास अगर
26 comments:
अच्छा लिखा है आपने
श्यामल जी - आपके एक एक शेर कुछ न कुछ खास संकेत दे रहे हैं। एक तरफ आप कहते हैं कि -
ढ़ूँढ़ रहा हूँ मैं बर्षों से
प्यार भरी वो खास नजर
टूटे दिल की तस्वीरों का
देता है आभास अधर
तो दूसरी ओर आत्म विश्ववास को जगाने वाली ये पंक्तियाँ -
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर
फिर तंत्र पर चोट करती ये पंक्तियाँ -
तंत्र कैद है शीतल घर में
जारी है संत्रास इधर
लोगों को छुटकारा दे दो
बन्द करो बकवास खबर
और अन्त में आशावाद की झलक -
टूटे सपने सच हो जाएं
सुमन हृदय एहसास अगर
बहुत बहुत बधाई और आशीर्वाद इस छोटे बहर की सुन्दर गजल के लिए।
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर..
श्यामल जी बहुत खूब...बेहद प्रभावशाली पंक्तियाँ..बधाई स्वीकारें
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर
" कितना आत्मविश्वास है इन पंक्तियों में.."
regards
बधाई
प्रियतम होते पास अगर
मिट जाती है प्यास जिगर
ढूंढ रहा हूँ मै वर्षों से
प्यार भरी वो खास नज़र
बहुत ही मन को छू लेने वाले शेर लिखे
धन्यवाद
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर
सुमन जी , ये पंक्तियाँ -आशा और निराशा के बीच की कड़ी हैं । नाउम्मीद से उम्मीद की ओर ले जाती हुई ।
बहुत बढ़िया ।
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर
बहुत खूब .. सटीक
टूटे सपने सच हो जाएं
सुमन हृदय एहसास अगर
Aisa aashwaad aapki har rachna me jhalkta hai...yahi kamal hai!
टूटे सपने सच हो जाए हृदय हो एहसास अगर ...
ये अहसास ही हैं जो सपनों को हकीकत सा आभास देते हैं ...!!
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतीकरण ।
ये तो मृग-तृष्णा वाली बात करदी आपने.
प्रियतम तो आपके सबसे पास, आपके दिल में ही हैं,
और कहाँ होंगे????
बहुत बढ़िया,
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
काश मीडिया वाले आपकी बात मान लें...
लाजवाब!
कितना सुन्दर... वाह वाह
सुन्दर लिखा सर... वो ग़ज़ल भी है ना 'आप जिनके करीब होते हैं.. वो बड़े खुशनसीब होते हैं..'
सदैव की भाँति सुन्दर रचना!
शानदार रचना। आभार्……।
मैं जो कहना चाह रही थी,गुड्डो दी ने कह दी है...उनके कथ्य को मेरा भी समझा जाय...
लाजवाब रचना ,सदैव की भांति...
गिरकर रोज सम्भल जाएं तो
बढ़ता है विश्वास मगर
यूं आदमी को जिन्दगी के दर्द का अहसास है।
पर जी रहा है इसलिए क़ल पर उसे विश्वास है
shandaar shandaar bhoot khoob wah kya kahne.
http://udbhavna.blogspot.com/
टूटे दिल की तस्वीरों का ..देता है आभास अधर..जी बहुत सुन्दर
प्रियतम होते पास अगर
मिट जाती हैप्यास जिगर
ढूंढ रहाँ हूँ वर्षों से
प्यार भरी वो खास नज़र
बहुत ही मन भायी पंक्तियाँ
दिल पे हाथ रखे रह जाते हैं
किसी को यूं प्यासा नहीं रखते
लहरों में जब तडफ़ उछाल हो तो
प्रेम सागर से शरारत नहीं करते
तंत्र कैद है शीतल घर में
जारी है संत्रास इधर
वाह जी वाह
लोह स्तंभ चाँद को सजा लिया है
उतर गई आँखों की झील सीने में
नशा ऐसा चढा दो दीवानों को
सुर सुरा सुन्दरी के साथ पीने में
ढ़ूँढ़ रहा हूँ मैं बर्षों से
प्यार भरी वो खास नजर
टूटे दिल की तस्वीरों का
देता है आभास अधर
सुंदर पंक्तियाँ
प्रश्न क्या मिल गयी ?
प्यार की वो खास नज़र
बहुत बढ़िया....
सादर..
वाह!! बहुत उम्दा!!
Post a Comment