चली सियासत की हवा, नेताओं में जोश।
झूठे वादे में फँसे, लोग बहुत मदहोश।।
दल सारे दलदल हुए, नेता करे बबाल।
किस दल में अब कौन है, पूछे लोग सवाल।।
मुझ पे गर इल्जाम तो, पत्नी को दे चांस।
हार गए तो कुछ नहीं, जीते तो रोमांस।।
जनसेवक राजा हुए, रोया सकल समाज।
हुई कैद अब चाँदनी, कोयल की आवाज।।
नेता और कुदाल की, नीति-रीति है एक।
समता खुरपी सी नहीं, वैसा कहाँ विवेक।।
कलतक जो थी झोपड़ी, देखो महल विशाल।
जाती घर तक रेल अब, नेता करे कमाल।।
धवल वस्त्र हैं देह पर, है मुख पे मुस्कान।
नेता कहीं न बेच दे, सारा हिन्दुस्तान।।
सच मानें या जाँच लें, नेता के गुण चार।
बड़बोला, झूठा, निडर, पतितों के सरदार।।
पाँच बरस के बाद ही, नेता आये गाँव।
नहीं मिलेंगे वोट अब, लौटो उल्टे पाँव।।
जगी चेतना लोग में, है इनकी पहचान।
गले सुमन का हार था, हार गए श्रीमान।।
झूठे वादे में फँसे, लोग बहुत मदहोश।।
दल सारे दलदल हुए, नेता करे बबाल।
किस दल में अब कौन है, पूछे लोग सवाल।।
मुझ पे गर इल्जाम तो, पत्नी को दे चांस।
हार गए तो कुछ नहीं, जीते तो रोमांस।।
जनसेवक राजा हुए, रोया सकल समाज।
हुई कैद अब चाँदनी, कोयल की आवाज।।
नेता और कुदाल की, नीति-रीति है एक।
समता खुरपी सी नहीं, वैसा कहाँ विवेक।।
कलतक जो थी झोपड़ी, देखो महल विशाल।
जाती घर तक रेल अब, नेता करे कमाल।।
धवल वस्त्र हैं देह पर, है मुख पे मुस्कान।
नेता कहीं न बेच दे, सारा हिन्दुस्तान।।
सच मानें या जाँच लें, नेता के गुण चार।
बड़बोला, झूठा, निडर, पतितों के सरदार।।
पाँच बरस के बाद ही, नेता आये गाँव।
नहीं मिलेंगे वोट अब, लौटो उल्टे पाँव।।
जगी चेतना लोग में, है इनकी पहचान।
गले सुमन का हार था, हार गए श्रीमान।।
8 comments:
झन्नाटेदार व्यंग, वाह।
जमा दिया करारा ....
बहुत सुन्दर
वाह....
व्यवस्था पर करारा चोट करती अति सार्थक और सुन्दर रचना...
आपकी कलम सदा सलामत रहे भैया...
वाह !
khatarnaak ji khatarnaak.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
कृष्ण हृदय पर श्वेत-वस्त्र चेहरे पे मुस्कान।
नेता कहीं न बेच दे सारा हिन्दुस्तान।।
सावधान करता हुआ यह गीत हृदय में जोश भरता है ! श्यामल जी !भ्रष्टाचार बहुत बहुत बढ़ गया है ! कब रुकेगा ! बहुत सामयिक पोस्ट बधाई
श्यामल जी
चिरंजीव भवः
नेता और कुदाल की नीति-रीति है एक।
समता खुरपी सी नहीं वैसा कहाँ विवेक।।
पूरी कविता में भूत मिर्ची का तीखा व्यंग
मुझ पे गर इल्जाम तो दो पत्नी को चांस।
हार गए तो कुछ नहीं जीते तो रोमांस।।
mast vyangya hai sir
lalu jee ko bhejo.........:P
Post a Comment