भालू देखा बन्दर देखा
यह लोगों के अन्दर देखा
जो दबंग हैं नालायक भी
उसको बना सिकन्दर देखा
सुख सारे शोषण के दम पर
भाषण मस्त कलन्दर देखा
सांसद की नैतिकता में भी
कितना बड़ा भगन्दर देखा
विकसित देश सुमन का ऐसा
सबके आँख समन्दर देखा
Tuesday, September 6, 2011
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रचना में विस्तार
साहित्यिक बाजार में, अलग अलग हैं संत। जिनको आता कुछ नहीं, बनते अभी महंत।। साहित्यिक मैदान म...
साहित्यिक बाजार में, अलग अलग हैं संत। जिनको आता कुछ नहीं, बनते अभी महंत।। साहित्यिक मैदान म...
अन्ध-भक्ति है रोग
छुआछूत से कब हुआ, देश अपन ये मुक्त? जाति - भेद पहले बहुत, अब VIP युक्त।। धर्म सदा कर्तव्य ह...
छुआछूत से कब हुआ, देश अपन ये मुक्त? जाति - भेद पहले बहुत, अब VIP युक्त।। धर्म सदा कर्तव्य ह...
गन्दा फिर तालाब
क्या लेखन व्यापार है, भला रहे क्यों चीख? रोग छपासी इस कदर, गिरकर माँगे भीख।। झट से झु...
क्या लेखन व्यापार है, भला रहे क्यों चीख? रोग छपासी इस कदर, गिरकर माँगे भीख।। झट से झु...
मगर बेचना मत खुद्दारी
यूँ तो सबको है दुश्वारी एक तरफ मगर बेचना मत खुद्दारी एक तरफ जाति - धरम में बाँट रहे जो लोगों को वो करते सचमुच गद्दारी एक तरफ अक्सर लो...
यूँ तो सबको है दुश्वारी एक तरफ मगर बेचना मत खुद्दारी एक तरफ जाति - धरम में बाँट रहे जो लोगों को वो करते सचमुच गद्दारी एक तरफ अक्सर लो...
लेकिन बात कहाँ कम करते
मैं - मैं पहले अब हम करते लेकिन बात कहाँ कम करते गंगा - गंगा पहले अब तो गंगा, यमुना, जमजम करते विफल परीक्षा या दुर्घटना किसने देखा वो...
मैं - मैं पहले अब हम करते लेकिन बात कहाँ कम करते गंगा - गंगा पहले अब तो गंगा, यमुना, जमजम करते विफल परीक्षा या दुर्घटना किसने देखा वो...
विश्व की महान कलाकृतियाँ-
9 comments:
वाह!
सत्ता के आसन पर बैठे
लल्लू जगधर को देखा
सुन्दर अभिवयक्ति....
सांसद की नैतिकता में भी
कितना बड़ा भगन्दर देखा
सटीक रचना .. अच्छी प्रस्तुति
श्यामल
आशीर्वाद
बहुत ही सुंदर शब्दों का ताल मेल
सबके आँख समन्दर देखा
लिखने की स्याही का समन्दर कम ना हो
आपने अपनी आँखों से बहुत कुछ देख लिया :) सुंदर रचना
सबको टोपी पहना ली जब,
टोपी पहने चन्दर देखा।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
क्या बात कही....वाह...
एकदम सटीक सही....
सांसद की नैतिकता में भी
कितना बड़ा भगन्दर देखा
वाह,
क्या खूब कहा आपने ,
उम्दा ग़ज़ल ||
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