Tuesday, September 6, 2011

सबके आँख समन्दर देखा

भालू देखा बन्दर देखा
यह लोगों के अन्दर देखा

जो दबंग हैं नालायक भी
उसको बना सिकन्दर देखा

सुख सारे शोषण के दम पर
भाषण मस्त कलन्दर देखा

सांसद की नैतिकता में भी
कितना बड़ा भगन्दर देखा

विकसित देश सुमन का ऐसा
सबके आँख समन्दर देखा

9 comments:

Arvind Mishra said...

वाह!
सत्ता के आसन पर बैठे
लल्लू जगधर को देखा

विभूति" said...

सुन्दर अभिवयक्ति....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सांसद की नैतिकता में भी
कितना बड़ा भगन्दर देखा

सटीक रचना .. अच्छी प्रस्तुति

गुड्डोदादी said...

श्यामल
आशीर्वाद
बहुत ही सुंदर शब्दों का ताल मेल

सबके आँख समन्दर देखा

लिखने की स्याही का समन्दर कम ना हो

Sunil Kumar said...

आपने अपनी आँखों से बहुत कुछ देख लिया :) सुंदर रचना

प्रवीण पाण्डेय said...

सबको टोपी पहना ली जब,
टोपी पहने चन्दर देखा।

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

रंजना said...

क्या बात कही....वाह...

एकदम सटीक सही....

Shayar Ashok : Assistant manager (Central Bank) said...

सांसद की नैतिकता में भी
कितना बड़ा भगन्दर देखा

वाह,
क्या खूब कहा आपने ,
उम्दा ग़ज़ल ||

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!