Thursday, September 8, 2011

जेल में खाएं खिचडी चोखा

अब तिहाड़ में कितने मंत्री
बतियाते आपस में संतरी

पता नहीं अब कितने आए
क्या तिहाड़ संसद बन जाए

संसद में चलता है झगड़ा
यह मिलाप का मौका तगड़ा

हो जुगाड़ हम कैसे छूटें
बाहर जाकर फिर से लूटें

यूँ तो हम सब भाई भाई
न्यायालय ही बना कसाई

न्यायालय को रोके कौन
इसीलिये है सत्ता मौन

किया है जनता से जब धोखा
जेल में खाएं खिचडी चोखा

15 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

धोखे में चोखा,
चोखे में धोखा।

गुड्डोदादी said...

श्यामल
आशीर्वाद
संसद में चलता है झगड़ा
यह मिलाप का मौका तगड़ा

बहुत ही झन्नाटेदार शानदार

Sunil Kumar said...

यही डर हमें भी है कहीं यह संसद ना बन जाये :)

LAXMI NARAYAN LAHARE said...

prasansaniy ,hardik badhai ..

vandana gupta said...

शानदार व्यंग्य्।

गुड्डोदादी said...

जेल में खाएं खिचडी चोखा

मौंजा ही मौंजा
सुरक्षित हैं तिहाड़ राज भवन
फौंजा ही फौंजा

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हो जुगाड़ हम कैसे छूटें
बाहर जाकर फिर से लूटें

यूँ तो हम सब भाई भाई
न्यायालय ही बना कसाई

बिल्कुल सही लिखा है ...

रंजना said...

बहुत सही कहा भाई जी...एकदम मारक, सटीक...पर इनलोगों ने इसी सब का पूर्वानुमान कर अपने लोगों के रहने और खाने के लिए पांचसितारा इंतजाम जेल में भी कर रखा है जहाँ इन्हें राजभोग मिलते हैं...जेल में खिचडी चोखा तो केवल उन कैदियों के लिए है, जिनके paas पैसा सत्ता या जुगाड़ नहीं......

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

खूबसूरत

संगीता पुरी said...

वाह ..

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

वाह सर, आनंद आ गया....
तगड़ा कटाक्ष किया है अपने...
सादर बधाई...

Udan Tashtari said...

बहुत सटीक...

गुड्डोदादी said...

जेल में खाएं खिचडी चोखा
अब तिहाड़ में कितने मंत्री
बतियाते आपस में संतरी

पता नहीं अब कितने आए
क्या तिहाड़ संसद बन जाए

संसद में चलता है झगड़ा
यह मिलाप का मौका तगड़ा

हो जुगाड़ हम कैसे छूटें
बाहर जाकर फिर से लूटें

यूँ तो हम सब भाई भाई
न्यायालय ही बना कसाई

न्यायालय को रोके कौन
इसीलिये है सत्ता मौन

किया है जनता से जब धोखा
जेल में खाएं खिचडी चोखा

Posted byश्यामल सुमनat7:55 PM
Labels:कविता show
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आशीष "जय हिंद ", Priyanka Bharati,
view more repliesLoading... Priyanka Bharati bahut sundar dadi 8:16 AM
RAJESH KASHYAP 9650599052 bahut acha dadi ji kya baat hai 9:14 AM
आशीष "जय हिंद " bahut sundar dadi g...keep it up 9:15 AM
राज धामेचा दादी माँ प्रणाम........मंत्रियो और संतरियो की बानगी..दादी माँ की जुबानी...निसंदेह अतिउत्तम एवम कर्णप्रिय है...... 9:19 AM

Pallavi saxena said...

वाह!!! सर शानदार व्यङ्गात्म्क कविता। वर्तनी की त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है धन्यवाद....

Dr (Miss) Sharad Singh said...

किया है जनता से जब धोखा
जेल में खाएं खिचडी चोखा

लाजवाब....

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