खुद से देखो उड़ के यार
एहसासों से जुड़ के यार
जैसे गूंगे स्वाद समझते,
कह ना पाते गुड़ के यार
कैसा है संयोग यहाँ
सुन्दर दिखते लोग यहाँ
जिसको पूछो वे कहते कि
मेरे तन में रोग यहाँ
मजबूरी का रोना क्या
अपना आपा खोना क्या
होना जो था हुआ आजतक,
और बाकी अब होना क्या
क्यों देते सौगात मुझे
लगता है आघात मुझे
रस्म निभाना अपनापन में,
लगे व्यर्थ की बात मुझे
गीत नया तू गाना सीख
कोई नहीं बहाना सीख
बहुत कीमती जीवन के पल,
हर पल खुशियाँ लाना सीख
इक दूजे को जाना है
दुनिया को पहचाना है
फिर भी प्रायः लोग कहे कि
सुमन बहुत अनजाना है
एहसासों से जुड़ के यार
जैसे गूंगे स्वाद समझते,
कह ना पाते गुड़ के यार
कैसा है संयोग यहाँ
सुन्दर दिखते लोग यहाँ
जिसको पूछो वे कहते कि
मेरे तन में रोग यहाँ
मजबूरी का रोना क्या
अपना आपा खोना क्या
होना जो था हुआ आजतक,
और बाकी अब होना क्या
क्यों देते सौगात मुझे
लगता है आघात मुझे
रस्म निभाना अपनापन में,
लगे व्यर्थ की बात मुझे
गीत नया तू गाना सीख
कोई नहीं बहाना सीख
बहुत कीमती जीवन के पल,
हर पल खुशियाँ लाना सीख
इक दूजे को जाना है
दुनिया को पहचाना है
फिर भी प्रायः लोग कहे कि
सुमन बहुत अनजाना है
16 comments:
वाह ...उम्दा लेखनी
बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति। धन्यवाद।
गीत नया तू गाना सीख
कोई नहीं बहाना सीख
बहुत कीमती जीवन के पल,
हर पल खुशियाँ लाना सीख
sahi hai jaesa sochenge vaesa hi hoga utsah badhata aapka geet bahut sunder hai
rachana
वाह वाह..
बहुत खूबसूरत...
शुक्रिया.
बहुत बढ़िया!
--
आप अच्छा लिखते हैं!
गीत नया तू गाना सीख
कोई नहीं बहाना सीख
बहुत कीमती जीवन के पल,
हर पल खुशियाँ लाना सीख
सुंदर रचना ......
Wah! Bahut khoob!
आशीर्वाद श्यामल
मजबूरी का रोना क्या
अपना आपा खोना क्या
होना जो था हुआ आजतक,
और बाकी अब होना क्या
बहुत ठोस शब्दों की पंक्तियाँ आघात पूर्ण
पढ़ कर अश्रु __/\__
गीत नया तू गाना सीख
कोई नहीं बहाना सीख
बहुत कीमती जीवन के पल,
हर पल खुशियाँ लाना सीख...
Saarthal .... Asha ka sandesh deti prabhavi rachna hai ... Lajawab geet ....
द्वन्द्व को हृदय में समेटे जी रहे हैं हम सब...
vaah utkrasht kavita...lajabaab.her pankti shandar hai.
इक दूजे को जाना है
दुनिया को पहचाना है
क्यां करें भूख बहुत लगी है
हरी मिर्ची के साथ रोटी खाना है
Suman ji bahut hi achhi lagi ye rachna bhi.......
गीत नया तू गाना सीख
कोई नहीं बहाना सीख
बहुत कीमती जीवन के पल,
हर पल खुशियाँ लाना सीख....sarthak sandesh...behtarin rachna...sadar badhayee aaur amantran ke sath
मजबूरी का रोना क्या
अपना आपा खोना क्या
होना जो था हुआ आजतक,
और बाकी अब होना क्या
बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति। धन्यवाद।
मजबूरी का रोना क्या
अपना आपा खोना क्या
होना जो था हुआ आजतक,
और बाकी अब होना क्या
बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति। धन्यवाद।
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