भला और क्या प्यार चाहिए
क्या पूरा संसार चाहिए?
जो भी बाँटा, मिला आपको
बातें नहीं उधार चाहिए?
भाव हृदय का जो न समझे
तब उसका प्रतिकार चाहिए
मैं बोलूँ, वो सुनता जाए
श्रोता इक बीमार चाहिए
कितना और मनाऊँ तुमको
या फिर से तकरार चाहिए?
लोग बड़े रचना से होते
नहीं उम्र-दीवार चाहिए
विद्या देती विनय सर्वदा
छोड़ सुमन, अंगार चाहिए?
क्या पूरा संसार चाहिए?
जो भी बाँटा, मिला आपको
बातें नहीं उधार चाहिए?
भाव हृदय का जो न समझे
तब उसका प्रतिकार चाहिए
मैं बोलूँ, वो सुनता जाए
श्रोता इक बीमार चाहिए
कितना और मनाऊँ तुमको
या फिर से तकरार चाहिए?
लोग बड़े रचना से होते
नहीं उम्र-दीवार चाहिए
विद्या देती विनय सर्वदा
छोड़ सुमन, अंगार चाहिए?
14 comments:
बहुत बढिया गजल है बधाई स्वीकारें।
जो भी बाँटा, मिला आपको
बातें और उधार चाहिए?
कोई और बात भी समझें
प्यार मान सम्मान चाहिए
श्यामल
आशीर्वाद
भाव हृदय का जो न समझे
तब उसको प्रतिकार चाहिए
बहुत सुंदर कविता बार बार पढ़ी (शुभ कामनाएँ)
Nice .
बोल्डनेस छोड़िए हो जाइए कूल...खुशदीप के सन्दर्भ में
यह मुद्दा सबके माता पिता की इज्ज़त से जुडा है. सभी को इसपर अपना ऐतराज़ दर्ज कराना चाहिए.
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/04/manu-means-adam.html
बहुत ही बढ़िया सर!
सादर
कल 06/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत सुन्दर....
छोटे बेहर की गज़ले बहुत आकर्षित करतीं हैं...
सुन्दर शेर...
सादर
अनु
खूबसूरत गजल
आपकी चाह सबकी राह बने।
जो भी बाँटा, मिला आपको
बातें नहीं उधार चाहिए?
....बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
खूबसूरत गजल.....!
एक श्रोता है बीमार
करोगे उसका उपचार
आपका क्या है विचार
कौंधता प्रश्न बारम्बार
वाह!
"भाव हृदय का जो न समझे
तब उसका प्रतिकार चाहिए
मैं बोलूँ, वो सुनता जाए
श्रोता इक बीमार चाहिए"
हम बीमार हैं कविता के..ऐसे ही सुनाते रहिये.. सुंदर रचना के लिए बधाई :)
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