दुहराता इतिहास मिलेगा
राम तुम्हें वनवास मिलेगा
युग बदला पर हाल वही है
लेकिन रावण खास मिलेगा
मिल सकते सुग्रीव परन्तु
दुश्मन का आभास मिलेगा
और मिलेंगे कई विभीषण
वैसा नहीं समास मिलेगा
नाव बिठाये केवट शायद
बदले में संत्रास मिलेगा
लक्ष्मण, सीता साथ भले हों
क्या वैसा एहसास मिलेगा
राम अगर तुम बदल गए तो
सदा सुमन उपहास मिलेगा
राम तुम्हें वनवास मिलेगा
युग बदला पर हाल वही है
लेकिन रावण खास मिलेगा
मिल सकते सुग्रीव परन्तु
दुश्मन का आभास मिलेगा
और मिलेंगे कई विभीषण
वैसा नहीं समास मिलेगा
नाव बिठाये केवट शायद
बदले में संत्रास मिलेगा
लक्ष्मण, सीता साथ भले हों
क्या वैसा एहसास मिलेगा
राम अगर तुम बदल गए तो
सदा सुमन उपहास मिलेगा
10 comments:
राम कहाँ मानेंगे फिर भी..
श्यामल
आशीर्वाद
भले मिलेंगे कई विभीषण
वैसा नहीं समास मिलेगा
जीवन की व्यथा
दुखों की ही कथा (क्यों )ऐसा
राम नहीं चूको तुम फिर भी
सुमन सदा उपहास मिलेगा
वाह!!!!बहुत सुंदर प्रस्तुति,...
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....
क्या कभी राम को भी वनवास मिलेगा ?????
सच में प्रश्न जटिल हैं
sab kuchh badal gaya ....bahut sundar bhaav ghazal me bahut uttam.
सत्य भाई जी, राम के हिस्से सदा ही वनवास रहता आया है...परन्तु इसीमे राम का रामत्व भी अमर है, अक्षुण है..
बहुत ही सुन्दर रचना...
वाह ,भाव -भरी गजल ... सुन्दर हार्दिक बधाई
waah bahut hi sunder prashan hai
bahut badhiya,,
वर्तमान सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करता एक सुन्दर रचना । बधाई
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