Saturday, November 10, 2012

हर आँगन में दीप

चकाचौंध गर ना हुआ, किसको है परवाह।
दीपक इक घर घर जले, यही सुमन की चाह।।

रात अमावस की भले, सुमन तिमिर हो दूर।
दीप जले इक देहरी, अन्धेरा मजबूर।।

हाथ पटाखे हैं लिए, सुमन खुशी यह देख।
कुछ बच्चे बस देखते, यही भाग्य का लेख।।

कैसी दीवाली सुमन, मँहगाई की मार।
और मिलावट भी यहाँ, क्यों दिल्ली लाचार?

स्वाति बूंद की आस में, सुमन साल भर सीप।
अन्धकार दिल से मिटे, हर आँगन में दीप।।

15 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

स्वाति बूंद की आस में, सुमन साल भर सीप।
अन्धकार दिल से मिटे, हर आँगन में दीप।।

सभी दोहे बहुत सुंदर

ANULATA RAJ NAIR said...

सुन्दर दोहे...
आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं

अनु

अरुन अनन्त said...

खूबसूरत भावपूर्ण रचना दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

प्रवीण पाण्डेय said...

हर आँगन में दिया जले, फैले प्रकाश जग।

सूर्यकान्त गुप्ता said...

दीवाली-शुभकामना, माँ लक्ष्मी हरे कलेश।

पूजा पाठ निपटाइ के, हो मेल मिलाप विशेष।।

बहुत बहुत शुभ कामनाओं सहित .....

विभूति" said...

बहुत सुंदर ..... दीपावली की शुभकामनायें

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
त्यौहारों की शृंखला में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धनपूजा और भाईदूज का हार्दिक शुभकामनाएँ!

udaya veer singh said...

दीपावली की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं....

मेरा मन पंछी सा said...

अति सुन्दर रचना...
आपको सहपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ..
:-)

मेरा मन पंछी सा said...

अति सुन्दर रचना...
आपको सहपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ..
:-)

Madan Mohan Saxena said...

बेह्तरीन अभिव्यक्ति .बहुत अद्भुत अहसास.सुन्दर प्रस्तुति.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !

मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

सूर्यकान्त गुप्ता said...

सुन्दर अनूठा शुभकामना सन्देश

हरे माँ लक्ष्मी हर का क्लेश

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ...

अजय कुमार झा said...

दीपों के पर्व दीपावली की आप सबको बहुत बहुत शुभकामनाएं । आपका शुभकामना संदेश हमने अन्य पाठकों तक पहुंचाने के लिए बुलेटिन के इस खास पन्ने पर सहेज़ लिया है , खास इसलिए क्योंकि आज ब्लॉग बुलेटिन का ये पन्ना भी अपना पहला हैप्पी बर्थडे मना रहा है । आप आ रहे हैं न बधाई देने और शुभकामनाएं लेने के लिए । मुस्कुराते रहें , ब्लॉगियाते रहें , पढते रहें और पढाते रहें

गुड्डोदादी said...

ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
नयी कविता,गीत के पढने का इन्जार

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