Tuesday, August 27, 2013

कलयुग में अवतार

भाद्र कृष्ण की अष्टमी, जन्म दिवस आधार।
क्या कान्हा ले पाओगे, कलयुग में अवतार।।

द्वापर में इक द्रोपदी, थोड़े से थे काज।
अब तो घर घर द्रोपदी, की लुटती है लाज।।

भीष्म द्रोण चुप हो गए, वही पुरानी बात।
घर घर दुःशासन सुमन, खूब करे उत्पात।।

वैसे दिन क्या आएंगे, मिल जाते थे हंस।
अब खोजोगे एक तो, मिलते दो दो कंस।।

पत्र सुमन का देख लो, कर लो खूब विचार।
हिम्मत है फिर भी अगर, तब लेना अवतार।।

9 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

आवश्यक है, आ भी जाओ,
कृष्णनीति की झलक दिखाओ।

गुड्डोदादी said...


www.youtube.com/watch?v=7bUkuqTgeqc‎

भाद्र कृष्ण की अष्टमी, जन्म दिवस आधार।
क्या कान्हा ले पाओगे, कलयुग में अवतार।।









































Rajendra kumar said...

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर !!

Amrita Tanmay said...

अति सुन्दर..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत सुंदर रचना,,,
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ,,

RECENT POST : पाँच( दोहे )

अजय कुमार झा said...

बहुत सुंदर श्यामल भाय । बहुते बढियां जी

कालीपद "प्रसाद" said...

कृष्ण को भी धमकी दे डाली ,सुन्दर प्रस्तुति
latest postएक बार फिर आ जाओ कृष्ण।

Asha Joglekar said...

आना ही पडेगा ।

Dr.NISHA MAHARANA said...

waah ..bahut khoob ..

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