मधुमेह
होते हैं कुछ पल ऐसे जब नेह की बातें करते हैं।
और ऐसे पल भी आते जब देह की बातें करते हैं।
शुरू के दिन में बातें करते प्रायः सब मधुमास की,
दिन गुजरे तो अक्सर वे मधुमेह की बातें करते हैं।।
आसाराम
डालर बढ़ता जा रहा, रुपया गिरा धड़ाम।
धर्म बना व्यापार जब, गिरते आसाराम।।
होते हैं कुछ पल ऐसे जब नेह की बातें करते हैं।
और ऐसे पल भी आते जब देह की बातें करते हैं।
शुरू के दिन में बातें करते प्रायः सब मधुमास की,
दिन गुजरे तो अक्सर वे मधुमेह की बातें करते हैं।।
आसाराम
डालर बढ़ता जा रहा, रुपया गिरा धड़ाम।
धर्म बना व्यापार जब, गिरते आसाराम।।
10 comments:
समसामयिक!
sarthak post .aabhar
सत्य वचन !!
क्या बात वाह!
डालर बढ़ता जा रहा, रुपया गिरा धड़ाम
प्याज के दाम नखरे देख डालर भी परेशान
कल 01/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
बहुत सही लिखा है |
आशा
सुन्दर...
उपमा सहित असाधारण व्याख्या
सादर
क्या बात वाह....सुन्दर...
सटीक रचना
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