जीवन के हरएक पल का हिसाब तू रख ले
कितने सवाल आयेंगे जवाब तू रख ले
मुश्किल हो समय काटना तन्हाई में सुमन
कोशिश करो कि हाथ में किताब तू रख ले
अपनी नज़र में खुद का सम्मान चाहिए
जीना अगर, तो हौसले-अरमान चाहिए
है प्यार की जरूरत किसको नहीं सुमन
इक दूसरे की भावना का मान चाहिए
होती है जिन्दगी में उलझन भी कम नहीं
हिम्मत है दिल में यारो फिर कोई गम नहीं
पसरा है साया मौत का चारों तरफ सुमन
महफूज तुम नहीं हो, महफूज हम नहीं
जब तीरगी को तोड़ने भगजोगनी आए
बादल छँटें दुखों के, औ' फिर चाँदनी आए
जीना सुमन है ज़िंदगी, तो हौसले बढ़ा
रौशन रहा जो दिल तो घर में रौशनी आए
कितने सवाल आयेंगे जवाब तू रख ले
मुश्किल हो समय काटना तन्हाई में सुमन
कोशिश करो कि हाथ में किताब तू रख ले
अपनी नज़र में खुद का सम्मान चाहिए
जीना अगर, तो हौसले-अरमान चाहिए
है प्यार की जरूरत किसको नहीं सुमन
इक दूसरे की भावना का मान चाहिए
होती है जिन्दगी में उलझन भी कम नहीं
हिम्मत है दिल में यारो फिर कोई गम नहीं
पसरा है साया मौत का चारों तरफ सुमन
महफूज तुम नहीं हो, महफूज हम नहीं
जब तीरगी को तोड़ने भगजोगनी आए
बादल छँटें दुखों के, औ' फिर चाँदनी आए
जीना सुमन है ज़िंदगी, तो हौसले बढ़ा
रौशन रहा जो दिल तो घर में रौशनी आए
नोट - भगजोगनी (क्षेत्रीय भाषा मैथिली के शब्द) = जुगनू
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