Tuesday, October 29, 2013

हाथ में किताब तू रख ले

जीवन के हरएक पल का हिसाब तू रख ले
कितने सवाल आयेंगे जवाब तू  रख  ले
मुश्किल हो समय काटना तन्हाई में सुमन
कोशिश करो कि हाथ में किताब तू रख ले  

अपनी नज़र में खुद का सम्मान चाहिए
जीना अगर, तो हौसले-अरमान चाहिए
है प्यार की जरूरत किसको नहीं सुमन
इक दूसरे की भावना का मान चाहिए

होती है जिन्दगी में उलझन भी कम नहीं
हिम्मत है दिल में यारो फिर कोई गम नहीं
पसरा है साया मौत का चारों तरफ सुमन
महफूज तुम नहीं हो, महफूज हम नहीं  

जब तीरगी को  तोड़ने  भगजोगनी  आए
बादल छँटें दुखों के, औ' फिर चाँदनी आए 
जीना सुमन है  ज़िंदगी, तो  हौसले  बढ़ा 
रौशन रहा जो दिल तो घर में रौशनी आए 

नोट - भगजोगनी (क्षेत्रीय भाषा मैथिली के शब्द) = जुगनू 

No comments:

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!