Friday, April 17, 2015

प्यार के दर्द का बस मजा लीजिए

जिन्दगी साज खुद से बजा लीजिए
भूल अपनी हो अपने सजा लीजिए
जिन्दगी प्यार से प्यार में दर्द भी
प्यार के दर्द का बस मजा लीजिए

उनसे नजरें मिली और पढता गया
साथ जीने के सपनों को गढता गया
प्यार की सीढियों से गिरे अनगिनत
भूलकर सीढियाँ फिर भी चढता गया

मिलके सांसों से सांसे पिघलती रही
मैं मचलता रहा, तू मचलती रही
वक्त रुक जाए तो फिर मजा ही मजा
पर सितम ये हुआ, रात ढलती रही

प्यार करना अगर वैसा मन कीजिए
कामयाबी की खातिर जतन कीजिए
आईना झुर्रियां जब दिखाए सुमन
इश्क के नाम का बस भजन कीजिए

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