आगे बढ़ना काम मुसाफिर
नहीं तुझे आराम मुसाफिर
मंजिल से आगे भी मंजिल
निकलेगा परिणाम मुसाफिर
कभी कृष्ण तू राम मुसाफिर
और कई हैं नाम मुसाफिर
जिसने राह सुगम कर डाला
सबको सतत प्रणाम मुसाफिर
छाया भी है घाम मुसाफिर
रस्ता है अभिराम मुसाफिर
गर पाना तो लक्ष्य
सामने,
बढ़े चलो अविराम मुसाफिर
हृदय भाव निष्काम मुसाफिर
तभी काम का दाम मुसाफिर
स्वारथ में जो अक्सर जीते
हो जाते बदनाम मुसाफिर
कोई नहीं लगाम मुसाफिर
सबका रस्ता आम मुसाफिर
यहाँ संभल के चलते उनको
मिलता सदा सलाम मुसाफिर
जीवन तब नाकाम मुसाफिर
जब होठों पर जाम मुसाफिर
मूल्य बचे तो जी लेंगे सब
देना ये पैगाम मुसाफिर
भूखे हैं जन आम मुसाफिर
खाते कुछ बादाम मुसाफिर
अगर विषमता नहीं मिटी तो
सोच सुमन अंजाम मुसाफिर
Friday, September 4, 2015
बढ़े चलो अविराम मुसाफिर
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