मन में हो अनुराग मुसाफिर
तब जीवन बेदाग
मुसाफिर
मगर बुराई
से लड़ने
की
दिल में रखना आग मुसाफिर
आते - जाते रोज मुसाफिर
सबके भीतर ओज मुसाफिर
बन द्वापर के नायक जैसा
नायक वैसा खोज मुसाफिर
क्यों जीवन अवसाद मुसाफिर
ले लो पल पल स्वाद मुसाफिर
जीवन सफल, अगर तू कर ले
सुख में दुख को याद मुसाफ़िर
रखना पथ की लाज मुसाफिर
दे सबको आवाज मुसाफिर
इक बीता कल इक आएगा
बस जी ले तू आज मुसाफिर
हर पग की आवाज मुसाफिर
जीवन का आगाज मुसाफिर
अपने – अपने सब के होते
जीने के अन्दाज मुसाफिर
रोते अक्सर आज मुसाफिर
क्यों खुद से नाराज मुसाफिर
ठीक ठाक जीवन है मुमकिन
रख मीठा अल्फाज मुसाफिर
अपने अपने साज मुसाफिर
खोलो दिल के राज मुसाफिर
सब कुछ मिटे सुमन के शायद
बची रहे आवाज मुसाफिर
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