अपने पर उपकार करो
सोच समझकर प्यार करो
जख्म, प्यार से अलग नहीं
इसको भी स्वीकार करो
अपनेपन की बात अलग
अपनों से आघात अलग
जीवन कैसा प्यार बिना
पाया तो दिन रात अलग
रिश्ते खोते लोग मिले
भूखे सोते लोग मिले
जी लेते पर प्यार बिना
अक्सर रोते लोग मिले
हो जाते जब रोग बहुत
वो करते तब योग बहुत
सुमन प्यार ना जीवन से
पर जी लेते लोग बहुत
सोच समझकर प्यार करो
जख्म, प्यार से अलग नहीं
इसको भी स्वीकार करो
अपनेपन की बात अलग
अपनों से आघात अलग
जीवन कैसा प्यार बिना
पाया तो दिन रात अलग
रिश्ते खोते लोग मिले
भूखे सोते लोग मिले
जी लेते पर प्यार बिना
अक्सर रोते लोग मिले
हो जाते जब रोग बहुत
वो करते तब योग बहुत
सुमन प्यार ना जीवन से
पर जी लेते लोग बहुत
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