कुछ ऐसा भी गांव नगर हो
जहाँ हवा में नहीँ जहर हो
हो बातें जब जब नजरों से
नजरों में ना दोष नजर हो
भले महल पर है मकान ही
झोपडियां हो, लेकिन घर हो
झुके नहीं हर दर पे जा के
दुनिया में ऐसा भी सर हो
दुनिया कब ऐसी होगी जब
बढने का सबको अवसर हो
जीवन चलता है रिश्तों से
क्यों रिश्तों से हरदम डर हो
गर चाहत खुशियों की दिल में
सुमन गीत के साथ सफर हो
जहाँ हवा में नहीँ जहर हो
हो बातें जब जब नजरों से
नजरों में ना दोष नजर हो
भले महल पर है मकान ही
झोपडियां हो, लेकिन घर हो
झुके नहीं हर दर पे जा के
दुनिया में ऐसा भी सर हो
दुनिया कब ऐसी होगी जब
बढने का सबको अवसर हो
जीवन चलता है रिश्तों से
क्यों रिश्तों से हरदम डर हो
गर चाहत खुशियों की दिल में
सुमन गीत के साथ सफर हो
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