Monday, February 15, 2016

जहाँ हवा में नहीँ जहर हो

कुछ ऐसा भी गांव नगर हो
जहाँ हवा में नहीँ जहर हो

हो बातें जब जब नजरों से
नजरों में ना दोष नजर हो

भले महल पर है मकान ही
झोपडियां हो, लेकिन घर हो

झुके नहीं हर दर पे जा के
दुनिया में ऐसा भी सर हो

दुनिया कब ऐसी होगी जब
बढने का सबको अवसर हो

जीवन चलता है रिश्तों से
क्यों रिश्तों से हरदम डर हो

गर चाहत खुशियों की दिल में
सुमन गीत के साथ सफर हो

No comments:

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!